अगले लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की जोरदार पैरोकारी करने के बीच, कांग्रेस ने रविवार को कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपनी सरकार की नाकामियों से ध्यान भटकाने के लिए ‘विभाजनकारी’ और ‘ध्रुवीकरण करने वाले’ मुद्दे उठा रही है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मोदी पर आरोप लगाया कि वह इस तरह के मुद्दे उठाने के लिए ‘ओवरटाइम’ काम कर रहे हैं और आम आदमी की दिन-प्रतिदिन की समस्याओं का समाधान नहीं कर रहे हैं। रमेश ने यहां संवाददाताओं से कहा, प्रधानमंत्री सिर्फ ध्यान भटकाते हैं। प्रधानमंत्री विभाजनकारी और ध्रुवीकरण करने वाले मुद्दे उठाने के लिए ‘ओवरटाइम’ कर रहे हैं। वह आम सहमति बनाने की कभी कोशिश नहीं करते। वह लोगों की रोजमर्रा की समस्याओं का हल कभी हल नहीं करते।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ”जब मणिपुर जल रहा है, चीन भारतीय भू-भाग पर बैठा हुआ है, लोग महंगाई बढ़ने से परेशान हैं और बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं…प्रधानमंत्री किसी और विषय पर बोल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री केवल अपनी सरकार की नाकामियों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के विभाजनकारी और ध्रुवीकरण करने वाले मुद्दे उठाने का प्रयास कर रहे हैं। रमेश ने कहा कि कांग्रेस यूसीसी के मुद्दे पर सावधानीभरा रुख अपना रही है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने शनिवार को अपनी रणनीति समूह की बैठक में इस पर विस्तार से चर्चा की।
कांग्रेस ने कहा है कि इस मुद्दे पर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। रमेश ने कहा, ”हमने 15 जून को एक बयान जारी किया था। यूसीसी पर हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कहा, जब मसौदा आएगा और चर्चा होगी, हम उसमें भाग लेंगे और जो कुछ प्रस्ताव किया गया जाएगा, उसकी पड़ताल करेंगे। अभी, हम सभी के समक्ष जवाब देने के लिए विधि आयोग का एक सार्वजनिक नोटिस है। कांग्रेस यह बयान दोहराती है कि कुछ भी नया नहीं हुआ है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि यूसीसी पर लोगों के नये सिरे से विचार मांगने के लिए विधि आयोग का हालिया कदम मोदी सरकार द्वारा अपनी नाकामियों से ध्यान भटकाने और ध्रुवीकरण के एजेंडा को आगे बढ़ाये जाने को प्रदर्शित करता है।