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बच्चों के पढ़ने और बढ़ने में कोई बाधा न आए, सीएम भूपेश बघेल ने दी नए शिक्षा सत्र और शाला प्रवेशोत्सव की बधाई

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज से शुरू हुए नए शिक्षा सत्र और शाला प्रवेशोत्सव के पावन अवसर पर सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। सीएम बघेल ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि कोराना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण विगत दो वर्षों में नियमित शालाएं गतिविधियां प्रभावित हुई हैं, लेकिन हमने यह सुनिश्चत किया है कि किसी भी स्थिति में बच्चों के पढ़ने और बढ़ने में कोई बाधा न आए और उनका साल खराब न जाए। उन्होंने कहा कि नए शिक्षा सत्र 2022 की शुरुआत हम बहुत उम्मीदों के साथ कर रहे हैं कि इस वर्ष नियमित शालाएं संचालित हों, साथ ही पिछले सत्रों में हुए नुकसान की भरपाई भी हो सके। नए सत्र के साथ हम नए कार्यों का आगाज भी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गत 15 से अधिक वर्षों के दौरान 400 से अधिक शालाएं विभिन्न कारणों से बंद हो चुकी थी, जहां शालाओं का नियमित संचालन प्रारंभ करने की मांग स्थानीय समुदाय तथा पालकों द्वारा की जा रही थी। इस तरह इन अंचलों में 260 स्कूलों का नियमित संचालन प्रारंभ करने जा रहे हैं, जिनसे हजारों बच्चों की शिक्षा की बुनियाद मजबूत होगी। सीएम बघेल ने कहा कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान पढ़ई तुहर दुआर प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवाया था। जिसका अच्छा उपयोग हमारे शिक्षकों, पालकों एवं विद्यार्थियों ने किया। उन्होंने उम्मीद जताई है कि नवाचार और नई प्रौद्योगिकी अपनाने का सिलसिला आगे भी जारी रहे। शिक्षा को रुचिकर बनाने के प्रयासों का स्वागत है।

रास्ते अगर चट्टानी थे, तो हमारे इरादे भी फौलादी थे : सीएम भूपेश

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जांजगीर-चांपा जिले के पिहरीद में बोरवेल में फंसे 11 वर्षीय बालक राहुल साहू के सफल रेस्क्यू पर खुशी जाहिर करते हुए बालक के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। उन्होंने कहा कि राहुल के सुरक्षित बचने पर छत्तीसगढ़ जश्न मना रहा हैं। सीएम बघेल ने राहुल के सुरक्षित बचने पर अपनी प्रतिक्रया व्यक्त करते हुए कहा कि लगभग 104 घंटे तक बोरवेल में फंसे होने के बावजूद राहुल ने बहुत हम्मित दिखाई। यह रेस्क्यू ऑपरेशन बहुत चुनौतीपूर्ण था, जिसे बचाव दलों ने बहुत धैर्य, समझदारी और साहस के साथ पूरा कर लिया है। सीएम बघेल ने कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एसईसीएल, छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस, सेना, चिकत्सिा दल और प्रशासनिक अधिकारियों समेत बचाव दल में शामिल हर टीम और हर व्यक्ति ने संयुक्त रूप से कर्तव्यनिष्ठा का पालन करते हुए राहुल को बोरवेल से निकालने का दुष्कर कार्य कर दिखाया।

उन्होने ट्वीट कर अपनी शुशी जाहिर करते हुए लिखा कि ”माना कि चुनौती बड़ी थी, पर हमारी टीम भी कहाँ शांत खड़ी थी। रास्ते अगर चट्टानी थे, तो इरादे हमारे फौलादी थे। उन्होंने कहा कि सभी की दुआओं और रेस्क्यू टीम के अथक, समर्पित प्रयासों से राहुल साहू को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। वह जल्द से जल्द पूर्ण रूप से स्वस्थ हो, ऐसी हमारी कामना है। सीएम बघेल ने कहा कि राहुल और उसके परिजनों पर आए संकट को लेकर मैं व्यक्तिगत रूप से भी बहुत चिंतित था। मैं पल-पल का अपडेट ले रहा था। मैंने राहुल के परिजनों से फोन पर बातचीत करके उन्हें भरोसा दिलाया था कि हम हर संभव प्रयास करेंगे। इस घटना ने खुले छोड़ दिए गये बोरवेल को लेकर एक बार फिर सभी को सचेत किया है। मैंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे ऐसे खतरनाक बोरवेल को बंद करना सुनश्चिति करें।

छत्तीसगढ़ : बोरवेल में गिरा राहुल 104 घंटे बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया

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छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में सूखे बोरवेल में गिरे 11 वर्षीय बालक राहुल को 104 घंटे से अधिक समय तक चले बचाव अभियान के बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। बालक को अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि बालक को बाहर निकालने के लिए बोरवेल से कुछ दूरी पर एक समानांतर गड्ढा खोदा गया था। जहां से सुरंग बनाकर मंगलवार रात लगभग 11:55 बजे उसे बाहर निकाल लिया गया। बचाव कार्य में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), सेना तथा जिले के पांच सौ से अधिक कर्मचारी जुटे थे। वहीं, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक लगातार घटनास्थल पर ही मौजूद थे। रात लगभग 11:55 बजे जब बालक को सुरंग से बाहर निकाला गया तब वहां मौजूद हजारों लोगों ने बचाव दल की सराहना की और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। टेलीविजन दृश्यों में बालक को एक स्ट्रेचर पर सुरंग के रास्ते बाहर निकालते देखा गया। उसे बचाव दल अपने कंधों पर सुरंग के मुहाने से वहां तैयार एम्बुलेंस तक ले गए।

अधिकारियों ने बताया कि जिले के मालखरौदा विकासखंड के पिहरिद गांव में शुक्रवार दोपहर बाद लगभग दो बजे राहुल साहू घर के पिछले हिस्से में खेलते समय एक खुले, सूखे पड़े बोरवेल में गिर गया था। राहुल बोरवेल में 60 फुट नीचे फंसा हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि जिला और पुलिस प्रशासन को शुक्रवार दोपहर बाद राहुल के बोरवेल में गिरने की जानकारी मिली तब तत्काल बचाव कार्य शुरू किया गया। उन्होंने बताया कि राहुल को बाहर निकालने में मदद के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के विशेषज्ञों को बुलाया गया। वहीं चिकित्सकों के दल ने राहुल के लिए बोरवेल के भीतर ऑक्सीजन पहुंचाने की व्यवस्था की। अधिकारियों ने बताया कि बोरवेल से कुछ दूरी पर जेसीबी और अन्य मशीनों की मदद से समानांतर गड्ढा किया गया। इस गड्ढे से एक सुरंग बनाकर लगभग 104 घंटे तक चले बचाव अभियान के बाद राहुल को सकुशल बाहर निकाल लिया गया।

उन्होंने बताया कि बचाव कार्य के अंतिम चरण को देखते हुए घटनास्थल पर चिकित्सकों के दल के साथ एक एंबुलेंस को तैयार रखा गया था। बालक को एंबुलेंस के माध्यम से बिलासपुर शहर के अपोलो अस्पताल ले जाया जा रहा है। इसके लिए पिहरिद गांव से अपोलो अस्पताल तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। देर तक गहरे गड्डे में रहने के कारण बालक थक गया है। अधिकारियों ने बताया कि बालक के पिता लाला राम साहू के मुताबिक, उन्होंने कुछ समय पहले घर के पिछले हिस्से में सब्जियों की खेती के लिए बाड़ी में लगभग 80 फुट गहरे बोरवेल की खुदाई करवाई थी। जब बोरवेल में पानी नहीं निकला तब उसे बिना इस्तेमाल किए छोड़ दिया गया। शुक्रवार को बाड़ी में खेलने के दौरान राहुल इस सूखे, खुले बोरवेल में गिर गया था।

उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद बचाव कार्य शुरू किया गया तथा राहुल की स्थिति का पता लगाने के लिए बोरवेल में रस्सी के सहारे एक कैमरा लगाया गया था। वहीं, रस्सी के सहारे उसके लिए फल और जूस आदि भेजा जा रहा था। बचाव कार्य में लगे अधिकारियों ने बताया, ”कैमरे के माध्यम से स्वास्थ्य अधिकारी लगातार राहुल की स्थिति की निगरानी कर रहे थे। एक स्पीकर को रस्सी से उतारा गया था जिससे उसके माता-पिता उससे बात कर सकें और उसका हौसला बढ़ा सकें। माता-पिता के अनुसार, बच्चा मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है और ठीक से बात नहीं कर सकता है इसलिए वह ठीक से जवाब नहीं दे पा रहा था। दल ने उसे रस्सी के सहारे बाहर निकालने की कोशिश की लेकिन उसने उसे नहीं पकड़ा।

अधिकारियों ने बताया, बचाव कार्य में बहुत एहतियात बरता गया, क्योंकि आठ इंच बोरवेल के भीतर केसिंग पाइप नहीं है, कुछ भी चूक होने से इसमें मिट्टी के धंसने का खतरा था। वहीं, गड्डा करने तथा राहुल तक सुरंग बनाने के दौरान बड़े चट्टानों को तोड़ा गया। इससे इस अभियान में अधिक समय लगा। बचाव कार्य में लगे एनडीआरएफ की तीसरी बटालियन के इंस्पेक्टर महाबीर मोहंती ने बताया कि कठोर चट्टानों की मौजूदगी ने सुरंग के निर्माण की गति को बाधित किया जिससे बचाव में देरी हुई लेकिन अंततः संयुक्त प्रयासों से बच्चे को बचा लिया गया।

जिला प्रशासन के एक ​अधिकारी ने बताया, ”बोरवेल के पास खुदाई के दौरान बोरवेल के भीतर पानी भी बढ़ गया, जिसे एनडीआरएफ कर्मचारियों ने रस्सी से बंधे एक बर्तन की मदद से निकाला। वहीं गांव के निवासियों को भूजल स्तर को नीचे बनाए रखने के लिए बोरवेल चालू करने के लिए कहा गया। इसके अलावा, क्षेत्र के दो स्टॉप डैम से भी पानी छोड़ा गया। जांजगीर-चांपा के जिलाधिकारी जितेंद्र शुक्ला ने राहुल के बाहर निकलने के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान अभियान की सफलता पर खुशी जताई और सभी का धन्यवाद किया। शुक्ला ने कहा, सभी के सहयोग से यह अभियान पूरा हो सका। बोरवेल में एक सांप भी था। लेकिन बालक राहुल साहू की जीवटता के कारण यह बाधा भी पार हो गई। कठोर चट्टानों और लगातार विपरीत परिस्थिति के बाद भी यह अभियान सफल हो गया।

वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर राहुल के जल्द ही पूर्ण स्वथ्य होने की कामना की है। बघेल ने कहा है, माना कि चुनौती बड़ी थी, हमारी टीम भी कहां शांत खड़ी थी, रास्ते अगर चट्टानी थे, तो इरादे हमारे फौलादी थे। सभी की दुआओं और बचाव टीम के अथक, समर्पित प्रयासों से राहुल साहू को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। वह जल्द से जल्द पूर्ण रूप से स्वस्थ हो, ऐसी हमारी कामना है।

अपने बच्चे के सकुशल वापसी पर राहुल के पिता ने कहा कि वह इस विपरीत परिस्थिति में उनके साथ बने रहने के लिए अभियान में शामिल सभी लोगों और गांव के लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। राहुल के पिता ने कहा, ”मेरा बेटा मानसिक रूप से थोड़ा कमजोर है लेकिन वह वो सब करता है जो एक सामान्य बच्चा करता है। वह साइकिल चलाता है, तैरता है, खेलता है। उसे भक्ति संगीत में गहरी दिलचस्पी है और जब भी गांव में ‘भजन-कीर्तन’ होता है तो वह वहां समय बिताता है। आज उसने साबित कर दिया है कि वह किसी भी सामान्य बच्चे से ज्यादा मजबूत है।

छत्तीसगढ़ में फिर जंगली हाथी का हमला, एक ग्रामीण की मौत

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छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मारवाही जिले में जंगली हाथी के हमले में 47 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई। एक वन अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। इसी के साथ मध्य प्रदेश से सटे इस जिले में इस साल मार्च से अब तक चार लोग हाथियों के हमले में मारे जा चुके हैं। मारवाही संभागीय वन अधिकारी दिनेश पटेल ने कहा कि नवीनतम घटना कटरा वन क्षेत्र के बेलझरिया गांव में शनिवार शाम को उस समय हुई जब रामधन गोंड अपने रोजमर्रा के कामकाज से घर लौटे थे। पटेल के अनुसार गोंड अपने घर के पीछे हाथी को देखकर चिल्लाए कि तभी हाथी ने उन्हें सूंड़ से उठाकर जमीन पर पटक दिया और पैर से कुचल दिया। वन अधिकारी के अनुसार, गोंड की मौके पर ही मौत हो गई जबकि उनकी पत्नी वहां से भागने में कामयाब रही। अधिकारी ने कहा कि गोंड के परिवार को तत्काल 25,000 रुपये का राहत दी गई और 5.75 लाख रुपये का शेष मुआवजा जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद दिया जाएगा।

छत्तीसगढ़: 45 घंटे से भी ज्यादा समय बीता, बोरवेल में फंसे लड़के को बचाने के प्रयास तीसरे दिन भी जारी

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छत्तीसगढ़ के जांजगीर चंपा जिले में 11 वर्षीय लड़के के गहरे बोरवेल में गिरने के 45 घंटे से अधिक समय बाद रविवार को भी बचावकर्मी उसे बचाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लड़का होश में है और गुजरात के रोबोट विशेषज्ञों की एक टीम मौके पर पहुंच गई है। लड़के को बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है, जो बोरवेल में लगभग 60 फुट गहराई में फंसा हुआ है। अधिकारियों ने कहा कि राहुल साहू शुक्रवार को अपराह्न करीब दो बजे मलखरोदा विकास खंड के पिहरिड गांव में अपने घर के पीछे खेलते समय 80 फुट गहरे बोरवेल में गिर गया था।

उन्होंने कहा कि बचाव दल में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और सेना के अधिकारियों सहित 500 से अधिक कर्मी शामिल हैं। वे बच्चे को सुरक्षित निकालने के लिए अत्याधुनिक मशीनों और वाहनों का उपयोग कर रहे हैं। ताजा जानकारी के अनुसार, शुक्रवार शाम से जारी समानांतर गड्ढा खोदने का काम अंतिम चरण में है। फिर एक सुरंग बनाई जाएगी जो बचाव दल के बोरवेल तक पहुंचने और बच्चे को निकालने में मदद करेगी। अधिकारियों ने बताया कि गुजरात से रोबोट विशेषज्ञों की एक टीम भी घटनास्थल पर पहुंच गई है और रोबोट की मदद से बच्चे को सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है। सरकारी बयान में कहा गया, “स्वास्थ्य अधिकारी कैमरों के माध्यम से लगातार राहुल की स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। वह सचेत है और हिल-डुल रहा है। रविवार तड़के उसे शीतल पेय और केला दिया गया और आज सुबह रस पिलाया गया। बोरवेल में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए एक पाइप लगाया गया है।

जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा, हमें उम्मीद है कि हम लड़के को बचा लेंगे। अधिकारियों ने बताया कि एनडीआरएफ, सेना की चार सदस्यीय टीम, 150 से अधिक पुलिसकर्मियों और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के 15 कर्मियों सहित 500 से अधिक कर्मी शुक्रवार शाम चार बजे से शुरू हुए बचाव अभियान में जुटे हैं। सरकारी बयान के अनुसार, जिस बोरवेल में लड़का फंसा हुआ है उसके अंदर कुछ पानी है और एनडीआरएफ के जवान रस्सी से बंधे बर्तन की मदद से पानी को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं। लड़का भी पानी निकालने की कवायद में मदद कर रहा है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अधिकारियों के संपर्क में हैं और बचाव अभियान को लेकर लगातार जानकारी ले रहे हैं। बघेल ने राहुल के परिवार के सदस्यों से फोन पर बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि उसे बचाने के लिए हरसंभव कदम उठाया जाएगा। जिलाधिकारी जितेंद्र शुक्ला और पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल शुक्रवार शाम से ही घटनास्थल पर हैं। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को भी निर्देश दिया है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए सभी बोरवेल ढके जाएं।

केन्द्र सरकार के अधीन है कोल आंवटन की पूरी प्रक्रिया : सीएम भूपेश बघेल

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा हैं कि कोल ब्लाक आवंटन के मामले में राज्य सरकार की भूमिका महज डाकिया की हैं। राजस्थान सरकार को आवंटित कोल ब्लाक के लिए हसदेव जंगल में कटाई रोकने का निर्णय फिलहाल जनप्रतिनिधियों की मांग पर लिया गया हैं। सीएम बघेल ने पत्रकारों से बातचीत में स्वीकार किया कि हसदेव जंगल में कटाई रोकने का नर्णिय जनप्रतिनिधियों की मांग पर राज्य सरकार ने लिया हैं। उन्होने कहा कि..क्षेत्रीय विधायक एवं मंत्री टीएस सिंहदेव की मांग पर यह निर्णय हुआ है। उन्होने क्षेत्रीय जनता की मांग के मद्देनजर जिस दिन यह बात की थी, उसी दिन ही मैंने कह दिया था कि उनकी इच्छा के विपरीत पेड़ तो क्या डंगाल भी नही कटेंगा..। उन्होंने कहा कि कोल आवंटन की पूरी प्रक्रिया केन्द्र सरकार के अधीन है। उसे ही तय करना होता हैं कि कोल ब्लाक को निजी क्षेत्र को नीलाम करे या राज्य सरकारों को आवंटित करें।

उन्होने कहा कि वन अधिनियम, पर्यावरण अधिनियम केन्द्रीय कानून है और उनके गाइड लाइन के अनुसार ही राज्य सरकार प्रक्रिया पूरी करवाती हैं। उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि पेड़ कटाई रुक गई इसका मतलब यह नही हैं कि आवंटन प्रक्रिया रूक गई। इससे उस पर कोई प्रभाव नही पड़ने वाला हैं। उन्होने कहा कि जो लोग आवंटन रद्द करने की मांग कर रहे हैं उन्हे केन्द्र सरकार के पास जाना चाहिए और यह मांग उससे करनी चाहिए। आवंटन करने एवं उसे रद्द करने का अधिकार केन्द्र को हैं।

सीएम बघेल ने पैगम्बर पर की गई टिप्पणियों को लेकर देश में कई स्थानों पर कल हुए प्रदर्शन एवं हिंसक घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हैं। भारत ऋषि मुनियों का देश हैं और सभी ने प्रेम एवं भाई चारे का संदेश दिया हैं। धुव्रीकरण की चल रही राजनीति से भाजपा को जरूर राजनीतिक फायदा हो रहा है पर इससे देश का बहुत नुकसान हो रहा हैं। इससे वैश्विक स्तर पर भी देश की छवि खराब हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुप्पी तोड़कर सामने आकर देश एवं दुनिया के सामने अपनी बात रखनी चाहिए और सभी से प्रेम एवं भाई चारे के साथ रहने की अपील करनी चाहिए। सीएम बघेल ने छत्तीसगढ़ के लोगो से भी शान्ति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि देश एवं राज्य में सभी पक्ष संयम बरते और मामले को तूल नही दे। उन्होने सोशल मीडिया पर आ रही प्रतिक्रियाओं से लोगों को सावधान रहने की अपील करते हुए कहा कि माहौल को खराब करना आसान है, फिर अमन एवं भाई चारा बहाल करना चुनौती हैं।

Chhattisgarh News: कोयला चोरी का फर्जी वीडियो ट्विट करने पर पूर्व आईएएस के खिलाफ एफआईआर दर्ज

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छत्तीसगढ़ के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी ओपी चौधरी के खिलाफ एक कोयला खदान से कोयला चोरी का कथित ‘फर्जी’ वीडियो ट्वीट करने के आरोप में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। ट्वीट में दावा किया गया था कि वीडियो राज्य के कोरबा जिले का है। पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। कोरबा जिले के पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने बताया कि जिले के बांकीमोंगरा थाना क्षेत्र की पुलिस ने मधुसूदन दास की शिकायत पर भाजपा नेता ओपी चौधरी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (1) (बी) के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

पटेल ने बताया कि बांकीमोंगरा क्षेत्र के निवासी दास ने शिकायत की थी कि चौधरी ने लोकप्रियता हासिल करने के लिए अपने ट्विटर अकाउंट से एक फर्जी वीडियो पोस्ट किया था। उन्होंने बताया कि दास की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है तथा मामले की जांच की जा रही है। भाजपा नेता चौधरी ने 18 मई को अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया था। जिसमें कहा गया था, ”यह दृश्य है एशिया के सबसे बड़े कोल माइंस का… छत्तीसगढ़ के कोरबा में स्थित गेवरा माइंस का… संगठित माफिया राज का खुल्ला खेल… हजारों मजदूरों और सैकड़ों गाड़ियों से खुल्लम खुल्ला कोयले की चोरी… सब कुछ अति की सीमा को पार चुका है हमारे छत्तीसगढ़ में…।

वीडियो में बड़ी संख्या में पुरुषों और महिलाओं को कुदाल और अन्य सामान लेकर एक खुले कोयला खदान की खुदाई करते हुए दिखाया गया था। वीडियो में लोग कोयले से भरी बोरियों को कंधे और सिर पर उठाकर खदान से बाहर कतारों में निकलते हुए भी नजर आ रहे थे। पूर्व आईएएस अधिकारी चौधरी ने अपने खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद पुलिस की आलोचना की और कहा कि वह जनहित के मुद्दों को उठाने के लिए किसी भी सजा का सामना करने के लिए तैयार हैं।

उन्होंने कहा, ”मैंने वह वीडियो साझा किया जो पहले से ही वायरल था। वास्तव में, मेरे द्वारा इसे साझा करने के बाद, बिलासपुर के पुलिस महानिरीक्षक ने वीडियो की जांच का आदेश दिया और कोरबा कलेक्टर ने जिले में साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों का दौरा किया और कहा कि खदानों में सुरक्षा का अभाव है। पुलिस कोयला चोरी में लिप्त संगठित माफियाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बजाय मेरे खिलाफ कार्रवाई कर रही है। चौधरी ने कहा, मैं इससे बिल्कुल भी नहीं डरता। मैं जनहित के मुद्दों को उठाना जारी रखूंगा। रायपुर के पूर्व कलेक्टर चौधरी वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले नौकरी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे।

पिछले महीने वीडियो के सामने आने के बाद बिलासपुर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक रतनलाल डांगी ने वीडियो की जांच के आदेश दिए थे। जांच के लिए एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट के प्रभारी को जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया था। वहीं कोरबा जिले के पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने दीपका थाना के प्रभारी अविनाश सिंह और हरदीबाजार चौकी के प्रभारी अभय सिंह बैस को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया था। पुलिस ने अब तक पुलिस महानिरीक्षक के जांच के निष्कर्षों का खुलासा नहीं किया है।

छत्तीसगढ़ में हादसा: बोरवेल में गिरे 11 साल के बालक को निकालने का आपरेशन जारी

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छत्तीसगढ़ के जांजगीर चापा जिले के मालखरौदा ब्लॉक के पिहरीद गांव में बोरवेल में फंसे 11 साल के राहुल साहू को बाहर निकालने के लिए 16 घण्टे से रेस्क्यू कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम मौजूद हैं।कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला और पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल समेत अन्य अफसर, रात भर मौके पर मौजूद रहे। अभी भी छह जेसीबी से मिट्टी खुदाई जारी है। बीती रात लगभग 12 बजे तक राहुल ने हलचल किया था, इसके बाद उसने सुबह हलचल किया है। विशेष कैमरे में उसकी हलचल दिखी है।

कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला ने बताया कि अभी राहुल तक पहुंचने में पांच से छह घण्टे का समय और लग सकता है। कल शाम से लगातार रात भर टीम लगी रही और अभी भी हर तरह से कोशिश जारी है। राहुल की हलचल है, उसे केला और जूस पहुंचाया गया है और परिजन से भी आवाज के माध्यम से बात कराई जा रही है, ताकि उसका मनोबल बना रहे।बालक को सुरक्षित निकालने रेस्क्यू का काम तेजी से जारी हैं। उसे आक्सीजन भी पहुंचाया जा रहा हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बालक को सुरक्षित निकालने अधिकारियों को शीघ्रता से हर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। सीएम बघेल स्वयं वहां से हर पल की जानकारी ले रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में हाथी के हमले में मजदूर की मौत, एक अन्य घायल

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छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में जंगली हाथी के हमले में एक मजदूर की मौत हो गई है जबकि एक अन्य मजदूर घायल हो गया। वन विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि जिले के मरवाही वन मंडल में मालाडांड़ गांव के करीब जंगली हाथी के हमले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के मजदूर बदिराम पनिका (47) की मौत हो गई जबकि सहदेव पनिका (50) घायल हो गया। मरवाही वनमंडल के वनमंडल अधिकारी दिनेश पटेल ने बताया कि मालाडांड़ गांव के करीब कुछ मजदूर मनरेगा का काम करके घर लौट रहे थे उसी दौरान तीन मजदूरों सहदेव पनिका, बदिराम पनिका और रंजीत आर्मो का रास्ते में पड़ने वाले जंगल में एक दंतैल हाथी से सामना हो गया। पटेल ने बताया कि हाथी ने पहले सहदेव पर हमला किया और अपनी सूंड से उसका पैर पकड़कर उछाल दिया। बाद में हाथी ने बदिराम पर हमला कर दिया और उसे कुचल दिया।

वन अधिकारी ने बताया कि किसी तरह रंजीत और सहदेव ने भाग कर जान बचाई और अन्य ग्रामीणों को घटना की जानकारी दी। बाद में ग्रामीणों के सहयोग से बदिराम और सहदेव को अस्पताल पहुंचाया गया जहां से चिकित्सकों ने उसे जिला चिकित्सालय भेज दिया। इलाज के दौरान बदिराम की मौत हो गई। पटेल ने बताया कि सहदेव के पैर में गंभीर चोट लगी है उसे जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश की सीमा से लगे इस वन क्षेत्र में तीन हाथियों का दल पिछले कई माह से विचरण कर रहा है। आज सुबह यह दल मध्यप्रदेश के अनूपपुर की ओर से आया था, जिसमें से एक दंतैल हाथी दल से अलग हो गया और उसका मजदूरों से सामना हो गया।

वन अधिकारी ने बताया कि मृतक बदिराम के परिजनों को 25 हजार रुपए की तात्कालिक सहायता राशि दी गई है। उन्होंने बताया कि मरवाही वन मंडल में हाथियों के हमले की अनेक घटनाएं हो चुकी है। इससे पहले 20 मार्च को मरवाही वन मंडल के रूमगा गांव के करीब जंगली हाथी ने महुआ चुन रही 10 वर्षीय बच्ची को कुचलकर मार डाला था। इस घटना के चार दिन बाद 24 मार्च को परासी गांव के करीब एक दंतैल हाथी ने 42 वर्षीय महिला धनिया बाई को कुचलकर मार डाला था।

छत्तीसगढ़ में मंत्री के विरोध के बाद प्रस्तावित कोयला खनन परियोजनाओं पर कार्यवाही रूकी

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छत्तीसगढ़ सरकार ने सरगुजा क्षेत्र के हसदेव अरंड जंगल में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) को आवंटित तीन प्रस्तावित कोयला खदान परियोजनाओं पर कार्यवाही रोक दी है। सरगुजा क्षेत्र के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। हसदेव अरंड क्षेत्र के स्थानीय लोग और पर्यावरण कार्यकर्ता कोयला खनन परियोजनाओं का विरोध कर रहे हैं। आंदोलनकारियों का कहना है कि जैव विविधता संपन्न और पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील हसदेव अरंड क्षेत्र में खनन न केवल आदिवासियों को विस्थापित करेगा बल्कि पर्यावरण को बड़े पैमाने पर नष्ट करेगा। साथ ही क्षेत्र में मानव-हाथी संघर्ष भी बढ़ेगा।

विरोध के दौरान राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने छह जून को स्थानीय लोगों के समर्थन में हसदेव अरंड क्षेत्र का दौरा किया था और कहा था कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ गोली या लाठी चलाई जाएगी तब वह सबसे पहले इसका सामना करेंगे। अगले ही दिन उनके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि यदि सिंहदेव नहीं चाहते कि कोयला खदान परियोजनाओं के लिए पेड़ काटे जाएं तो एक भी शाखा नहीं काटी जाएगी।

खनन परियोजनाओं को रोके जाने की पुष्टि करते हुए सरगुजा के जिलाधिकारी संजीव झा ने बृहस्पतिवार को बताया, तीन आगामी परियोजनाएं-परसा, परसा पूर्व और कांते बासन (पीईकेबी) का दूसरा चरण और कांते एक्सटेंशन कोयला खदान जो खदान शुरू होने से पहले विभिन्न चरणों में हैं को आगामी आदेश तक के लिए रोक दिया गया है। झा ने बताया, मंत्री और स्थानीय विधायक सिंहदेव के प्रदर्शनकारियों के समर्थन में आने के बाद यह फैसला किया गया है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा था कि यदि मंत्री ऐसा नहीं चाहते हैं तो एक भी शाखा नहीं काटी जाएगी।

उन्होंने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधि की सहमति के बिना प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। डीएम ने बताया, पीईकेबी के दूसरे चरण परियोजना से प्रभावित ग्रामीणों के पुनर्वास के लिए आठ जून को होने वाली ग्राम सभा को रद्द कर दिया है। इसी तरह कांते एक्सटेंशन के पर्यावरण मंजूरी के लिए 13 जून को होने वाली जनसुनवाई को भी रद्द कर दिया गया है। कानूनी प्रक्रियाओं के अलावा, पीईकेबी के दूसरे चरण और परसा कोयला खदान के लिए पेड़ों की कटाई भी रोक दी गई है। झा ने बताया कि तीनों खदानें आरआरवीयूएनएल को आवंटित की गई हैं तथा अडानी समूह एमडीओ (माइन डेवलपर और आपरेटर) के रूप में इससे जुड़ा है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के जिन खदानों में काम चल रहा है वे खदानें काम करती रहेंगी। राज्य सरकार ने हाल ही में परसा खदान और पीईकेबी के दूसरे चरण के कोयला खनन परियोजनाओं के लिए अंतिम मंजूरी दी थी।