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नशामुक्ति का इलाज कराने पहुंचे अजहर से बोले सीएम बघेल, अब नशा मत करना, जानिए क्या मिला जवाब

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महारानी अस्पताल के डीएडिक्शन यूनिट में नशामुक्ति का इलाज करा रहे अजहर से बातचीत की। अज़हर ने बताया कि वह मध्यप्रदेश का रहने वाला है और विगत 20 दिनों से यहां इलाज करा रहा है। उसे मादक पदार्थ सेवन की लत थी, इस बुरी आदत से निजात पाने के लिए वह डीएडिक्शन यूनिट में भर्ती हुआ है। मुख्यमंत्री ने अज़हर को नशा छोड़ कर सामान्य जीवन व्यतीत करने प्रेरित करते हुए कहा कि अब नशा मत करना। अजहर ने मुख्यमंत्री से कहा- मैं नशा नहीं करूंगा।

भूपेश ने पंडित नेहरू की पुण्यतिथि पर उन्हें किया नमन

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। सीएम बघेल ने नेहरू जी की पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर आज यहां जारी संदेश में उन्हे याद करते हुए कहा कि पंडित नेहरू ने भारत की आजादी और नवनिर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने विकास के लिए लोकतंत्र को अपना मूलमंत्र बनाया और भारत को एक मजबूत आधार दिया। देश के सामाजिक अधोसंरचना से लेकर भौतिक अधोसंरचना तक के विकास के लिए पंडित नेहरू के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनकी नीतियों के कारण देश में कृषि और उद्योग के विकास का एक नया युग शुरु हुआ। भिलाई स्टील प्लांट छत्तीसगढ़ को पं.नेहरू की अनुपम सौगात है। उन्होंनें कहा कि पं.नेहरू एक विद्यान लेखक, चिंतक और विचारक भी थे, इसकी झलक उनकी किताब ‘विश्व इतिहास की झलक’ और ‘भारत एक खोज’ में मिलती है। आज भी लोगों के मन में उनकी अमिट छाप अंकित है।

रोती हुई बेटी को सीएम बघेल ने पास बुलाया, सिर पर हाथ फेरा और पानी पिलाया, फिर दे दिए तीन लाख

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बस्तर विधानसभा का भैंसगांव ग्राम पंचायत, हजारों की भीड़ में से लोग अपनी अपनी बात मुख्यमंत्री के सामने रख रहे हैं। इस भीड़ में एक बेटी सुबक रही है, आंखों से आंसू बह रहे हैं,कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पारखी नजरों ने भीड़ में भी रोती हुई बेटी को देख लिया। लोकेश्वरी नाम की बिटिया को मुख्यमंत्री ने अपने पास बुलाया, उसके सिर पर हाथ फेरा और उसे पानी पिलाया। लोकेश्वरी अब शांत थी उसने मुख्यमंत्री से बात की और बताया कि उसके पिता की 15 साल पहले मौत हो चुकी है। घर ना होने की वजह से अपनी विधवा मां और भाई के साथ अपने मामा के यहां रहने को मजबूर है। आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से वो और उसका भाई पढ़ाई भी नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि घरेलू कार्यों में मां की मदद करनी पड़ती है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सक्षम के संग खेला शह और मात का खेल

रोती हुई लोकेश्वरी के आंसुओं को पोंछते हुए मुख्यमंत्री ने तत्काल उसकी मदद की। मदद के लिए आवेदन की आवश्यकता थी तो बस्तर जिले के प्रभारी सचिव डॉ. अयाज भाई तंबोली ने उसका आवेदन अपने हाथों से लिखा और मुख्यमंत्री को दिया। बाल मन की संवेदनाओं को बेहतर समझने वाले मुख्यमंत्री ने इस आवेदन पर तत्काल कार्यवाही करते हुए लोकेश्वरी को 3 लाख रूपए की आर्थिक मदद स्वीकृत कर दी। रोती हुई लोकेश्वरी अपने चेहरे पर मुस्कान और आंखों में विश्वास की चमक लेकर वापस लौटी क्योंकि यही है तो है छत्तीसगढ़ सरकार का मूलमंत्र, विकास विश्वास और सुरक्षा।

महुकुची चावल, तरगरिया, उस्का कांदा की सब्जी का सीएम बघेल ने लिया आनंद

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को विकासखंड बकावंड अंतर्गत ग्राम पंचायत राजनगर में किसान लखेश्वर कश्यप के घर पर पारंपरिक भोजन का स्वाद लिया। मुख्यमंत्री को सरगी (साल) के पत्ते से बने पत्तल और दोने में महुकुची चावल (ढेंकी कूटा), कोदो चावल, उसना चावल, बासा भोग, बोड़ा आमट बास्ता (खटाई), चरोटा भाजी, सेमिबीजा+कोयलारी भाजी, उस्का कांदा+ राहर दाल, पेज (कुल्थी+जोन्धरा (मक्का+माड़िया+ चावल), पेज (चावल+माड़िया (रागी), आम गुड़ पुदीना चटनी, केयू सरसों टोपा भेंडा चटनी, केयू सलाद, केयू कांदा सरसों सब्जी, चेंच भाजी+बास्ता (करील), उड़द दाल, कुल्थी दाल, राहर दाल, तरगरिया कांदा सब्जी +कुल्थी,सलाद(प्याज+मूली+गाजर) परोसा गया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सक्षम के संग खेला शह और मात का खेल

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जगदलपुर के प्रियदर्शिनी स्टेडियम में मल्टीपरपस हॉल का गुरुवार को शुभारंभ किया। हॉल के चेस सेक्शन में सीएम बघेल ने पहुंचते ही नन्हे शतरंज खिलाड़ी सक्षम राव के साथ शह और मात का खेल खेला। मुख्यमंत्री ने सक्षम की शुरुआती चाल के जवाब में अपने मोहरे को दो खाने आगे बढाते हुए अपनी पहली चाल चली। उन्होंने शतरंज के माहिर नन्हे खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया।

सेनानी की जांबाजी को सीएम बघेल का सलाम

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नगर सेना के सेनानी एसके मार्बल को हाथ मिलाकर बधाई दी। मुख्यमंत्री के दरभा मंगलपुर भेंट मुलाक़ात के बाद वापस आते समय नगर सेना के अधिकारी मार्बल और उनकी टीम ने कल दरभा घाटी में तेंदुपत्ता से भरे ट्रक के पलटने पर मानवीयता और सेवाभाव का परिचय देकर एक्सिडेंट हुए वाहन के चालक और सहचालक को त्वरित चिकित्सा उपलब्ध कराई तथा वाहन में लग रही आग को अग्निसमन यंत्र से बुझवाया।

छत्तीसगढ़ में हादसा, बिजली के खंभे से टकराई यात्रियों को लेकर जा रही प्राइवेट बस, हादसे के बाद लगी आग, एक की मौत

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छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में एक प्राइवेट यात्री बस में आग लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के कांसाबेल थाना क्षेत्र के अंतर्गत दोकड़ा चौकी इलाके में बस में आग लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई है। उन्होंने बताया कि पुलिस को जानकारी मिली है कि एक यात्री बस लगभग एक दर्जन यात्रियों को लेकर रायगढ़ से चोंगरीबहार गांव की ओर रवाना हुई थी।

बुधवार की शाम करीब 6.30 बजे जब वह दोकड़ा चौकी क्षेत्र में पहुंची तब बस अनियंत्रित होकर बिजली के खंबे से टकरा गई। इस घटना में बस में आग लग गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जब ग्रामीणों को शार्ट सर्किट की वजह से बस में आग लगने की जानकारी मिली तब वह घटनास्थल पहुंचे औैर उन्होंने करीब के ट्रांसफार्मर से बिजली की आपूर्ति बंद की। उन्होंने बताया कि बाद में यात्रियों को बस से बाहर निकाला गया। लेकिन तब तक एक यात्री की मौत हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस दल घटनास्थल पहुंचा और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामला दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।

राष्ट्रीय उद्यान के भीतर ग्रामीणों को मिला सामुदायिक वन संसाधन पर अधिकार : सीएम बघेल

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छत्तीसगढ़ में पहली बार राष्ट्रीय उद्यान के भीतर एक गांव के निवासियों को सामुदायिक वन संसाधन अधिकार प्रमाणपत्र दिया गया है। बस्तर जिले के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिले में अपने भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान गुड़ियापदार गांव के ग्रामीणों से मुलाकात की और उन्हें प्रमाण पत्र सौंपा। बघेल राज्य के विधानसभा क्षेत्रों में जनसंपर्क अभियान भेंट मुलाकात के तहत बस्तर क्षेत्र के दौरे पर हैं। बस्तर जिले के कलेक्टर रजत बंसल ने बताया कि इसके साथ ही छत्तीसगढ़, ओडिशा के बाद राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में सामुदायिक वन अधिकारों को मान्यता देने वाला देश का दूसरा राज्य बन गया है।

कलेक्टर ने बताया कि बस्तर जिले के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में गोंड आदिवासी समुदाय के 29 परिवारों की बस्ती गुड़ियापदर को अपने छोटे आकार और दूरदराज के क्षेत्र में होने के कारण राजस्व गांव के रूप में मान्यता नहीं मिली थी। बंसल ने बताया कि जिला स्तरीय समिति ने हाल ही में गांव के सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के दावों को मंजूरी दी है। यह अधिकार वनवासियों को वन क्षेत्र की रक्षा, संरक्षण और प्रबंधन करने के लिए सशक्त बनाएगा।

उन्होंने कहा कि सामुदायिक वन संसाधन अधिकार की मान्यता न केवल वन संरक्षण को प्रोत्साहित करेगी बल्कि इससे वनवासियों का आजीविका का साधन बढ़ेगा और उन्हें खाद्य सुरक्षा भी मिलेगी। अधिकारियों के अनुसार सामुदायिक वन संसाधन अधिकार मिलने के बाद ग्रामीणों ने अपने परंपरागत धनुष-बाण को अपनी देवी को समर्पित कर दिया। साथ ही उन्होंने संकल्प लिया है कि वे फिर कभी शिकार नहीं करेंगे तथा जैव विविधता के संरक्षण की दिशा में काम करेंगे।

शहीद परिवारों के सुख दुख में हम उनके साथ; सीएम भूपेश बघेल ने झीरम घाटी शहीद मेमोरियल का किया लोकार्पण

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को जगदलपुर के लालबाग मैदान में झीरम घाटी शहीद मेमोरियल का लोकार्पण किया और झीरम घाटी के शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री बघेल बुधवार सुबह चित्रकोट से हेलीकॉप्टर द्वारा जगदलपुर के लालबाग मैदान पहुंचे और झीरम घाटी शहीद मेमोरियल का लोकार्पण किया। उन्होंने मेमोरियल में झीरम घाटी के 32 शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने शहीदों की याद में लगभग 100 फीट ऊंचा तिरंगा फहराया।

इस मौके पर सीएम बघेल ने कहा कि मैं झीरम घाटी की हृदयविदारक घटना के शहीदों को नमन कर करते हुए झीरम घाटी शहीद स्मारक को लोकार्पित कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि पहली पंक्ति के जननायक परिवर्तन के लिए निकले थे। प्रदेश के किसानों, युवाओं, बच्चों और महिलाओं के जीवन में परिवर्तन लाना उनका लक्ष्य था। आज वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका मार्गदर्शन सदैव बना हुआ है। उन्होंने कहा कि आज छत्तीसगढ़ में हर किसी के साथ न्याय हो रहा है। आज हमारे नेता होते तो बहुत खुश होते। वो जहां भी होंगे। आज हम सभी को आशीष दे रहे होंगे। शहीद परिवारों के सुख दुख में हम उनके साथ हैं।

हम सभी शहीदों के परिवारों के साथ परिवार की तरह जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि झीरम घाटी शहीद मेमोरियल लोकतंत्र पर सबसे बड़े हमले में शहीदों की याद में आम जनता को समर्पित है। छत्तीसगढ़ की झीरम घाटी में 25 मई 2013 को नक्सली हिंसा में वरिष्ठ जनप्रतिनिधि नंदकुमार पटेल, विद्याचरण शुक्ल, महेन्द्र कर्मा, उदय मुदलियार, योगेन्द्र शर्मा सहित 32 लोग शहीद हुए थे। इनमें बहुत से कार्यकर्ता, जवान और आमलोगों ने शहादत दी थी। राज्य में शहीदों के बलिदान की स्मृति को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए 25 मई को झीरम घाटी श्रद्धांजलि दिवस मनाया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ के जवान ने की आत्महत्या, कलाई काटकर दे दी जान

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depressed Asian woman hand cutting her veins to suicide by a knife

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान ने अपनी कलाई काटकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली है। पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। बीजापुर थाना के प्रभारी शशिकांत भारद्वाज ने बताया कि बीजापुर थाना क्षेत्र के जैतालूर मार्ग स्थित सीआरपीएफ की 170वीं बटालियन के शिविर में आरक्षक मोहन ने अज्ञात कारणों से अपनी कलाई काटकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही वरिष्ठ अधिकारी शिविर पहुंचे और शव का पोस्टमार्टम कराया। अधिकारी ने बताया कि घटना के कारणों के बारे में जानकारी नहीं मिल पायी है। उन्होंने बताया कि जवान का बुधवार को हरियाणा स्थित उसके पैतृक गांव भेजा गया। थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।

छत्तीसगढ़ के बत्तीसा मंदिर में सीएम बघेल ने किए भगवान शिव के दर्शन

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बारसूर तालाबों और मंदिरों की पौराणिक नगरी हैं। इस पौराणिक नगरी के बत्तीसा मंदिर में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भगवान शिव के दर्शन किये। यह अद्भुत मंदिर अपने शानदार स्थापत्य के लिए चर्चित रहा है। मंदिर के पुजारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि यह तेरहवीं शताब्दी का मंदिर है और इसका निर्माण नागवंशी शासक सोमेश्वर देव ने कराया था। इसकी जलहरी श्रीयंत्र आकार की है। मंदिर में दो गर्भगृह हैं और काले ग्रेनाइट पत्थर की बनी इकलौती जलहरी हैं। बत्तीस स्तंभों का मंदिर होने के कारण इसे बत्तीसा मंदिर कहा गया है।

भेंट-मुलाकात : कभी रायपुर भी दूर था, अब यूरोप तक उड़ान भर रही हैं बस्तर की हसरतें

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एक दौर था जब दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जैसे दूरस्थ जिलों के ग्रामीणों के लिए राजधानी रायपुर की यात्रा ही दूर की कौड़ी हुआ करती थी, लेकिन एक यह दौर है जब उन्हीं गांवों की हसरतें अपने देशी की सीमा लांघ कर इंग्लैंड तक पहुंच चुकी हैं। भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान दंतेवाड़ा जिले के कटेकल्याण की एक महिला ने अपने सीएम भूपेश बघेल से कहा कि वे इंग्लैंड जाकर देखना चाहती हैं कि वहां के लोग हमारे महुआ का किस तरह इस्तेमाल करते हैं। मुख्यमंत्री की यात्रा के दौरान यह अकेला उदाहरण नहीं है। इसी जिले में डेनेक्स गारमेंट फैक्टरी चलाने वाली महिलाओं की ख्वाहिश थी कि उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होना चाहिए, क्योंकि उन्होंने अपनी आराध्या मां दंतेश्वरी के लिए 11 किलोमीटर लंबी चुनरी बनाने का रिकॉर्ड कायम किया है।

पूरी दुनिया में अब तक इतनी लंबी चुनरी किसी ने नहीं बनाई। कल ही इनकी यह ख्वाहिश भी पूरी हो गई, उनके नाम अब विश्व-रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है। दरअसल, डेनेक्स गारमेंट फैक्टरी ग्रामीणों का ही एक सामूहिक उपक्रम है, जिसे एक किसान संगठन द्वारा संचालित किया जाता है। ग्रामीणों को उद्यम, रोजगार और कौशल से जोड़ने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे नवाचारों के तहत दंतेवाड़ा के किसानों और स्व सहायता समूहों को इस फैक्टरी की स्थापना के लिए प्रेरित किया गया था। उन्हें सहायता भी उपलब्ध कराई गई। दंतेवाड़ा में एक के बाद एक चार डेनेक्स फैक्टरियां खुल चुकी हैं, और आज ही पांचवीं फैक्टरी के लिए डेनेक्स एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन) और एक्सपोर्ट हाउस तिरुपुर के बीच एमओयू हुआ है। किसानों के इस ब्रांडनेम में उनका हौसला भी छुपा है, डेनेक्स यानी दंतेवाड़ा नेक्स्ट। देश के अनेक प्रतिष्ठित शॉपिंग मॉल्स तक अपने गारमेंट पहुंचाने के बाद ग्रामीणों का यह समूह भी यूनाइडेट किंगडम तक अपने उत्पाद पहुंचाने की तमन्ना रखता है।

छत्तीसगढ़ के गांवों में कुलबुला रहे ये सपने एक के बाद एक मिल रही सफलताओं की जमीन पर उपजे हैं। राजनांदगांव और रायपुर जिलों में हर्बल गुलाल का उत्पादन कर रहे महिला स्व सहायता समूहों ने अपने उत्पाद की एक खेप यूरोप भेजी है। छत्तीसगढ़ के किसान सुगंधित और जैविक चावल का उत्पादन कर नेपाल और अन्य देशों में भेज रहे हैं। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही से लेकर दंतेवाड़ा जिले तक चावल की प्रोसेसिंग की परंपरागत ‘ढेंकी-पद्धति’ को पुनर्जीवित करते हुए ग्रामीण और किसान ज्यादा पोषण से भरपूर चावल बाजार को उपलब्ध करा रहे हैं, जिसकी अच्छी मांग है। जशपुर में चाय के उत्पादन के बाद बस्तर की झीरम घाटी में किसानों ने कॉपी के उत्पादन में भी हाथ आजमाया है। सांसद श्री राहुल गांधी भी बस्तर की कॉफी का स्वाद ले चुके हैं, जिसके बाद उन्होंने सुझाव दिया था कि रायपुर और नई दिल्ली में भी बस्तर-कॉफी का कैफे खोला जाना चाहिए। कटेकल्याण की ग्रामीण महिला पार्वती मोरे ने जब सीएम भूपेश बघेल से कहा कि वह भी इंग्लैड जाना चाहती है, तब मुख्यमंत्री ने कहा-आप जरूर इंग्लैंड जाएंगी। आपको जरूर भेजेंगे।