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सीएम बघेल का फैसला: सतरेंगा, गंगरेल और चित्रकूट में खुलेंगे बजट होटल

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रायपुर। छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की तर्ज पर बस्तर खोल जाएंगे। इसके अलावा सरगुजा और रायपुर में लोककला एवं संस्कृति महाविद्यालय प्रारंभ किए जाएंगे। इसको लेकर सीएम भूपेश बघेल ने संस्कृति विभाग को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। सीएम बघेल ने कहा कि इन महाविद्यालयों के प्रारंभ होने से बस्तर और सरगुजा अंचल की लोककला और संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक का एक सेंटर छत्तीसगढ़ में शुरू करने का प्रस्ताव केन्द्र को भेजने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास कार्यालय में समीक्षा बैठकों के क्रम में पर्यटन एवं संस्कृति विभागों के काम-काज की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में गृह एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष चित्ररेखा साहू, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, संचालक संस्कृति विवेक आचार्य, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के प्रबंध संचालक अनिल साहू, मुख्यमंत्री सचिवालय में उप सचिव सौम्या चौरसिया सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए चलाया जाए जनजागरूकता अभियान

मुख्यमंत्री बघेल ने बैठक में कहा कि लोककला दलों के माध्यम से आदिवासी अंचलों में स्वास्थ्य, शिक्षा और जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए जनजागरूकता अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि कला जत्थों के जरिए स्थानीय बोली-भाषाओं में कार्यक्रम तैयार कराए जाएं, जिससे उनका अच्छा प्रभाव हो। उन्होंने कहा कि इससे विशेष पिछड़ी जनजातियों-सरगुजा के पण्डो, कवर्धा के बैगा और गरियाबंद, सिहावा-नगरी और मगरलोड क्षेत्र की कमार जनजाति के लोगों में शासकीय योजनाओं, स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रति जागरूकता का संचार होगा। उन्होंने कहा कि रामायण मंडली प्रोत्साहन योजना के तहत मानस प्रतियोगिता अगले वर्ष जनवरी में आयोजित की जाए। सीएम ने प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में जहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, वहां पर्यटकों के रुकने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी से होटलों की सुविधा सहित शौचालय, पेयजल, आवागमन जैसी बुनियादी सुविधाओं को विकसित करने की जरूरत पर बल दिया।

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कार्य पूर्ण होते ही कराएं लोकार्पण

शिवरीनारायण, चंदखुरी, राजिम, सतरेंगा, चित्रकोट, चम्पारण, गंगरेल जैसे पर्यटन स्थलों में ये सुविधाएं विकसित की जाएं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के ऐतिहासिक और पुरातात्विक धरोहरों पर्यटन स्थलों में पर्यटन के दृष्टिकोण से सुविधाएं विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सिमगा तहसील के समीप स्थित ऐतिहासिक कबीरभूमि दामाखेड़ा में भी विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित किया जाए। अधिकारियों ने बताया कि दामाखेड़ा (कबीर तालाब) को विकसित करने के लिए 22.43 करोड़ रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। सीएम बघेल ने पर्यटन विभाग के पुराने मोटल्स के निजी क्षेत्र की भागीदारी से सुचारू संचालन की कार्ययोजना की प्रगति की जानकारी ली। राम वन गमन पर्यटन परिपथ के तहत विकसित किए जा रहे पर्यटन स्थलों की प्रगति की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे कार्य पूर्ण होते जाते हैं, उनका लोकार्पण किया जाए, जिससे लोगों को जल्द सुविधाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने अमरकंटक मार्ग के सुदृढ़ीकरण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बांधों और जलाशयों के समीप उपलब्ध शासकीय भूमि में निजी क्षेत्र की भागीदारी से वोटिंग, वाटर स्पोटर्स, पर्यटकों के ठहरने के लिए सुविधाएं विकसित की जाएं।

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कुदरगढ़ में रोप-वे बनाने की प्रक्रिया प्रगति पर

पर्यटन, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के सचिव अन्बलगन पी. ने प्रदेश की विभिन्न पर्यटन परियोजनाओं की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि प्रसाद योजना के तहत 43.33 करोड़ रुपये की लागत से मॉ बम्लेश्वरी देवी मंदिर डोंगरगढ़ में कराए जा रहे विकास कार्य अक्टूबर 2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। स्वदेश दर्शन योजना के तहत 96.10 करोड़ रुपये की लागत की ट्रायबल टूरिज्म सर्किट परियोजना के सभी 13 स्थानों में कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि 65.60 करोड़ रुपये की लागत से सिरपुर को हेरिटेज स्थल के रूप में बुद्धिष्ट थीम पर विकसित किया जा रहा है। अन्बलगन पी. ने यह भी बताया कि सूरजपुर जिले के कुदरगढ़ के विकास की योजना को प्रसाद योजना में शामिल करने का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा गया है। कुदरगढ़ में रोप-वे बनाने की प्रक्रिया भी प्रगति पर है। इसी प्रकार स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के तहत चिल्फी घाटी, अचानकमार-अमरकंटक घाटी एंव हसदेव बांगो डेम को शामिल कर इको टूरिज्म सर्किट विकसित करने का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि सतरेंगा, गंगरेल और चित्रकूट में बजट होटल के निर्माण की सैद्धांतिक स्वीकृति दी जा चुकी है।

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खनन के दौरान मिली पांचवीं शताब्दी के वस्तुएं

छत्तीसगढ़ वेब अभिलेखागार के तहत ख्याति प्राप्त कलाकारों की आडियो-वीडियो क्लीपिंग संकलित कर उनका भावी पीढ़ी के लिए डिजिटाईजेशन किया जा रहा है। बैठक में दुर्ग जिले के पाटन तहसील के तरीघाट और रायपुर जिले के आंरग तहसील के रीवा के पुरातत्व स्थलों की प्रगति की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि यहां लगभग दो से ढाई हजार साल पुरानी मानव बस्ती के अवशेष मिल रहे हैं। खनन के दौरान दूसरी से पांचवीं शताब्दी के वस्तुएं मिली है। मुख्यमंत्री बघेल ने राम वन गमन पर्यटन परिपथ के प्रथम चरण में विकसित किए जा रहे स्थलों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राम वन गमन पथ में मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम की सौम्य छवि की झलक दिखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चंदखुरी और शिवरीनारायण में प्रथम चरण में किए गए विकास कार्यों का लोकार्पण हो गया है। प्रथम चरण के लिए चिन्हांकित अन्य स्थलों का भी जैसे-जैसे जीर्णोद्धार एवं सौदर्यीकरण का कार्य पूर्ण होता है। लोगों को समर्पित करने की कार्यवाही भी की जाए। बैठक में बताया गया कि रामायण मंडली प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत इस वर्ष कराई गई मानस मंडली प्रतियोगिता में 7 हजार मानस मंडलियों के लगभग 70 हजार मानस कलाकरों ने हिस्सा लिया।

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छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर रायगढ़ जिले में महाराष्ट्र स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड (महाजेनको) को आवंटित कोयला खदान को वन मंजूरी देने की सिफारिश की। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत के रायपुर में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात करने और रायगढ़ वन मंडल में महाजेनको को आवंटित गारे-पेल्मा सेक्टर 2 कोयला ब्लॉक के लिए आवश्यक मंजूरी पर चर्चा करने के एक दिन बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने यह कदम उठाया। राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने यहां बताया कि राज्य सरकार ने रायगढ़ वन मंडल के गारे पेलमा सेक्टर-2 कोयला खदान उत्खनन परियोजना के लिए आवश्यक वन मंजूरी को लेकर केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को अनुशंसा पत्र भेजा है और गारे पेल्मा सेक्टर-2 ओपनकास्ट कोयला खदान के लिए 214.869 हेक्टेयर वन भूमि को महाजेनको के पक्ष में देने की स्वीकृति का अनुरोध किया है।

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अधिकारियों ने बताया कि यह पत्र छत्तीसगढ़ के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने मेसर्स महाराष्ट्र स्टेट पावर कंपनी लिमिटेड से प्राप्त आवेदन पर सभी औपचारिकताएं तथा निर्धारित 44 बिन्दुओं की शर्तों और विवरणों को पूरा कर भेजा है। अधिकारियों ने बताया कि रायगढ़ जिले में स्थित यह कोयला ब्लॉक महाराष्ट्र की विद्युत कंपनी (महाजेनको) को आवंटित है। महाराष्ट्र में विद्युत उत्पादन के लिए कोयला की आपूर्ति इस कोयला ब्लॉक से की जानी है, जिससे भविष्य में कोयले की आपूर्ति की निरंतरता बनी रहे। उन्होंने बताया कि इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल से महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री ने इस कोयला ब्लॉक से संबंधित सभी औपचारिकताओं को जल्द पूरा कराने का आग्रह करते हुए कोयला ब्लॉक के लिए वन मंजूरी और राज्य शासन की अनुशंसा का अनुरोध भी किया था। अधिकारियों ने बताया कि इस प्रकरण में आवेदनकर्ता मेसर्स महाराष्ट्र स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड ने मंजूरी के लिए 214.869 हेक्टेयर वन भूमि का विवरण दर्शाया है।

जनजातियों की भाषा, संस्कृति और सभ्यता के संरक्षण और संवर्धन की जरूरत : सीएम बघेल

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव का पहली बार आयोजन हो रहा है। यह आयोजन सांस्कृतिक दृष्टि से अन्य समाजों और जनजातीय समाज के बीच निश्चित रूप से सेतु का काम करेगा। यह बाते सीएम भूपेश बघेल ने रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में तीन दिवसीय राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव का शुभारंभ करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि जो प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं, उन्हें हमें बचाना है। इसके लिए जनजातीय भाषा, संस्कृति और सभ्यता के संरक्षण और संवर्धन की जरूरत है।
राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पद्मश्री लोकनायक हलधर नाग, साकीनी रामचंद्रा और अर्जुन सिंह धुर्वे को शॉल और नारियल भेंटकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने प्रख्यात कवि पद्मश्री हलधर नाग को सम्मानित करते हुए आत्मीयता से गले लगाया।

उन्होंने समारोह में देशभर से पहुंचे विख्यात साहित्यकारों, रचनाकारों, विश्वविद्यालयों के अध्येताओं, शोधर्थियों, विषय-विशेषज्ञों, नृतक दलों, चित्रकारों का स्वागत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में सरगुजा से बस्तर तक अनेक जनजातियां निवास करती हैं और उनकी भाषा-शैली भी अलग-अलग है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले तीन वर्षों में नक्सली समस्या कम हुई है। अब छत्तीसगढ़ की चर्चा देश-दुनिया में यहां की समृद्ध संस्कृति के लिए हो रही है। हमारी सरकार ने जनजातियों की संस्कृति और सभ्यता के संरक्षण के लिए आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन कराया, जिसका स्वरूप अंतर्राष्ट्रीय हो गया। इससे देश-दुनिया के लोगों को छत्तीसगढ़ को जानने और समझने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि चिंता का विषय है कि विश्व में बहुत सी जनजातियों का अस्तित्व समाप्त हो रहा है, जिससे उनकी संस्कृति विलुप्त हो रही है।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने जनजातीय संस्कृति के संरक्षण के लिए स्कूली स्तर भी पहल की है। इसके लिए प्रदेश में 16 प्रकार की बोली में पाठ्य पुस्तक तैयार की गई है। अब प्रदेश में कक्षा पहली और दूसरी के बच्चे अपनी स्थानीय भाषा में पढ़ाई कर रहे हैं। जनजातीय भाषाओं, बोलियां, कला-परंपराओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए बस्तर में बादल अकादमी की स्थापना की गई है। इसी तरह की अकादमी अन्य जनजातीय बहुलता वाले जिलों में भी स्थापित की जा रही है। उन्होंने कहा कि साहित्य, नृत्य, चित्रकारी का प्रदर्शन निश्चित रूप से सभी समाज को जोड़ने में सेतु का कार्य करता है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने लिया फलदार पौधे लगाने का फैसला

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासी हितों के संरक्षण के प्रतिबद्ध है। हमारी सरकार में आदिवासियों को उनका अधिकार दिलाने के लिए वन अधिकार पत्र प्रदान सरकार की इसी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उनके रोजगार के लिए वन क्षेत्रों में फलदार वृक्ष लगाने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है, इससे वनों में वृक्षों के संरक्षण के साथ ही वनवासियों को उनकी जरूरत की चीज उपलब्ध होगी। इसी प्रकार प्रदेश में पहले 7 लघु वनोपजों की खरीदी की जाती थी, अब 65 लघु वनोपजों की खरीदी की जा रही है। इसके साथ ही इन लघु वनोपजों का प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार जनजातियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए कार्य कर रही है।

जंगल का संरक्षण करते हैं आदिवासी

अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने की। उन्होंने कहा कि जंगल का संरक्षण आदिवासी करते हैं। देश में 80 प्रतिशत वनोपज की खरीदी छत्तीसगढ़ राज्य से होती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए 171 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रारंभ किए हैं। जिसका लाभ जनजातीय समाज के बच्चों को भी मिल रहा है। प्रदेश में प्रयास विद्यालय के माध्यम से जनजातीय समाज के बच्चों को इंजीनियरिंग और मेडिकल पढ़ाई के लिए प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जनजातीय परंपरा और साहित्य को लिपिबद्ध किया जाना जरूरी है। अब आदिवासी समाज में इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव के साथ ही तीन दिन तक यहां राज्य स्तरीय कला एवं चित्रकला प्रतियोगिता एवं नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त जनजातीय साहित्य प्रचार-प्रसार और विकास के लिए पुस्तक मेले का आयोजन किया गया है। जिसमें विशेष रूप से जनजातीय विषयों पर प्रकाशित पुस्तकों को प्रदर्शन सहविक्रय की व्यवस्था स्टॉल के माध्यम से की गई है। साथ ही राज्य के विभिन्न विभागों जैसे हस्तशिल्प विकास बोर्ड, आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, औषधि पादप बोर्ड, जनसम्पर्क विभाग, माटी कला बोर्ड, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग, राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ के स्टॉल भी लगाए गए हैं। स्टॉल में गढ़कलेवा तथा बस्तरिहा व्यंजन का स्वाद भी जनसमूह ले सकेंगे।

इस कार्यक्रम में अनुसूचित जाति एवं जनजाति मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, पूर्व मुख्य सचिव श्री सुनील कुजूर, राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री सरजियस मिंज, सचिव अनुसूचित जाति एवं जनजाति श्री डी.डी. सिंह भी मंचस्थ थे। समारोह को पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केशरी लाल वर्मा ने सम्बोधित किया। आयुक्त अनुसूचित जाति एवं जनजाति श्रीमती शम्मी आबिदी ने स्वागत भाषण दिया। समारोह में विभिन्न जनजातीय समाज प्रमुख और पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

Chhattisgarh News: बस्तर बैंड की धुन पर झूमे छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, बजाया मुंडा बाजा, मिलाया ताल से ताल

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Chhattisgarh Latest news: रायपुर में तीन दिवसीय राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव में पहुंचे सीएम भूपेश बघेल बस्तर बैंड की धुन पर झूम उठे। सीएम बघेल ने इस दौरान मुंडा बाजा भी बजाया और ताल से ताल मिलाया। 19 अप्रैल से शुरू हुए इस महोत्सव में जनजातीय साहित्यकार, विषय-विशेषज्ञ, शोधार्थी, चित्रकार एवं कलाकारों का समागम हो रहा है। महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर प्रख्यात बस्तर बैंड की प्रस्तुति अतिथियों के सामने हुई।

जनजातीय समुदाय के पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ प्रस्तुति देने वाले बस्तर बैंड ने अपनी शानदार पेशकश से शुभारंभ अवसर पर ऐसा माहौल बनाया कि वहां मौजूद हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया। लोग वाद्य यंत्रों की मनमोहक धुन पर थिरकते नजर आए। एक वक्त ऐसा भी आया, जब मुख्यमंत्री सीएम भूपेश बघेल भी अपने आप को थिरकने से रोक नहीं पाए और उन्होंने भी मुंडा बाजा थामा और थाप देने लगे। मुख्यमंत्री ने बस्तर बैंड के कलाकारों के साथ ताल से ताल मिलाया। मुख्यमंत्री इस मौके पर कलाकारों के साथ इतने भाव-विभोर हो गए कि बस्तर बैंड में शामिल नन्ही कलाकार जया सोढ़ी को गोद में उठाया और उसे प्रोत्साहित किया। साथ में अनुसूचित जाति एवं जनजाति मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम और संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत भी थिरकते नजर आए।

गौरतलब है कि बस्तर बैंड की स्थापना कला मर्मज्ञ श्री अनुप रंजन पाण्डेय ने की है। अपनी खूबियों के लिए बस्तर बैंड को आज अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचाना जाता है। इस बैंड में चार साल के बच्चे से लेकर 77 साल तक के बुजुर्ग कलाकार शामिल हैं। कला क्षेत्र में योगदान के लिए श्री अनुप रंजन पाण्डेय को पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है। बस्तर बैंड के कलाकार अलग-अलग जनजातीय समुदाय से हैं। यह कलाकार वाद्य यंत्रों को बजाने के साथ ही इन वाद्य यंत्र के निर्माण में महारात हासिल है।

राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव में दिखा जनजातियों की समृद्ध संस्कृति, कला, परम्परा का अनूठा संगम

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रायपुर। राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव के अवसर पर रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडीटोरियम में 19 अप्रैल मंगलवार से तीन दिवसीय हस्त कला प्रदर्शनी का आयोजन शुरू हो गया है। यहां विभिन्न विभागों और जनजातीय समूहों के 29 स्टॉल लगाए गए हैं। यहां जनजातियों के खान-पान, आभूषणों सहित उनके रहन-सहन के तरीकों को जानने लोग आकर्षित हो रहे हैं। यहां लोगों में जनजातियों की संस्कृति के प्रति उत्सुकता के साथ बस्तर की खास चापड़ा चटनी, महुआ लड्डू और पेज का स्वाद लेने की भी बहुत ललक दिखाई दे रही है। साथ ही नई पीढ़ी भी सदियों पुरानी परम्परा और संस्कृति को जानने और उससे जुड़ने के लिए उत्साहित दिख रही है।

आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान छत्तीसगढ़ और भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय के सहयोग से हस्तकला प्रदेर्शनी सह विक्रय का आयोजन किया गया है। छत्तीसगढ़ के जंगलों में मौजूद वनौषधियों से आदिवासी महिलाओं द्वारा बनाए गए हर्बल उत्पादों के साथ विभिन्न औषधीय पौधों का प्रदर्शन भी प्रदर्शनी में किया गया है। कोसा कला की नायाब कारीगरी भी प्रदर्शनी में दिखाई दी है। यहां जनजातियों के नंगाड़ा, दफड़ी, मांदर जैसे वाद्य यंत्र, ऐठी, पहुंची, खिनवा, पटा जैसे आभूषण, तुमा और खाना बनाने के प्राचीन बर्तन और औजारों, कपड़ों का प्रदर्शन भी किया गया है।

जनजाति व्यंजनों के स्वाद ने लोगों का मोहा मन

बस्तर से आए बालमती बघेल, शांता नाग और गंगाराम कश्यप ने अपने स्टॉल में राजधानी रायपुर में लोगों को जंगल के खान-पान के स्वाद से परिचय करा रहे हैं। यहां पुरानी के साथ नई पीढ़ी भी बस्तरिया डोडा (भोजन) के प्रति आकर्षित दिखाई दे रहा है। यहां लांदा, माड़िया पेज,तीखुर का शर्बत, चापड़ा चटनी, महुआ लड्डू का लोगों ने खूब स्वाद लिया और तारीफ की। इसके साथ ही गढ़ कलेवा के स्टॉल में छत्तीसगढ़िया व्यंजन ठेठरी, अनरसा, पिड़िया, लाडू जैसे स्वाद के खजाने रखे गए हैं।

प्राचीन कला और आभूषण भी अब फैशन में

विलुप्तप्राय जनजातीय आभूषणों के हाटुम में सुश्री भेनु ठाकुर ने बताया कि बटकी, खिनवा, सूता जैसे प्राचीन आभूषण नई पीढ़ी ने पहनना बंद कर दिये थे। प्रदर्शनी के माध्यम से उन्हें इन गहनों के फैशन ट्रेंड के बारे में बताने के साथ हल्के वजन के गहने उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्हें बताया जा रहा है कि पुराने गहने मॉडर्न फैशन में भी ट्रेंडिंग है,इससे नई पीढ़ी का रुझान भी अपनी प्राचीन कला के प्रति बढ़ा है और वह अपनी संस्कृति और कला से जुड़ने लगे हैं। स्टॉल में घोटुल में बनाए गए कलगी, झलिंग, फरसा, तुमड़ी, फुंदरा, पनिया (बांस की कंघी) का भी प्रदर्शन किया गया है।

नक्सल प्रभावित वनवासियों में अपने गांव लौटने की आस

नारायणपुर से आई अबूझमाड़िया सीताबाई सलाम और मालेबाई वरदा ने बताया कि घुर नक्सल प्रभावित गांव से पलायन के बाद राज्य सरकार ने उन्हें बांस का सामान बनाने की ट्रेनिंग दी है। अब तक वह चंडीगढ़, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र में जाकर सामानों की बिक्री कर चुकी हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि एक दिन वो या उनके बच्चे अपने गांव और खेतों तक फिर लौटेंगे।

समय के साथ प्राचीन कला में हो रहा नवाचार

आदिवासी विकास विभाग द्वारा लगाए गए स्टॉल में रायगढ़ से आए अजय कुमार सिदार ने बताया कि समय के साथ ढोकरा शिल्प कला में भी नवाचार आया है। अब लोगों की मांग के अनुसार लाइट यूटिलिटी आइटम भी बनने लगे हैं।

माटी कला के प्रति लोगों का बढ़ा रूझान

प्रदर्शनी में माटी कला बोर्ड द्वारा मिट्टी के बर्तनों का स्टॉल भी लगया गया है। स्टॉल में बिहारी लाल मलिक ने बताया कि मिट्टी के बर्तनों का दुष्प्रभाव न होने के कारण इनकी अच्छी मांग है,जिससे कुम्हारों को भी अच्छी आय हो रही है।

अनाज की आकर्षक चित्रकला का प्रदर्शन

प्रदर्शनी में अनाज से बनी सुंदर पेंटिंग का भी स्टॉल लगा है। धान, मक्का, चावल, मूंग जैसे विभिन्न अनाजों के उपयोग से राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उईके, महानायक अमिताभ बच्चन से लेकर में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और भगवान की सुंदर पेंटिंग बनाई गई है।

Chhattisgarh News: आरक्षक से मारपीट मामले में विधायक बेटे सहित छह आरोपियों ने किया सरेंडर

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रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एक पुलिस आरक्षक से थाने में घुसकर मारपीट करने के मामले में फरार आरोपी रितिक नायक सहित छह आरोपियों ने आज कोतवाली थाने में समर्पण कर दिया। रितिक विधायक प्रकाश नायक का पुत्र बताया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक के पुत्र रितिक नायक और अन्य 5 आरोपियों ने सुबह कोतवाली थाने पहुंचकर सरेंडर कर दिया।

दरअसल तीन दिन पहले विधायक पुत्र रितिक नायक ने अपने कुछ दोस्तों के साथ ट्रक चालक से मारपीट की थी। थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे ट्रक ड्राइवर के साथ-साथ ड्यूटी में तैनात पुलिस आरक्षक को भी थाने में घुसकर पीटा था। मामले में पुलिस ने पीडित ट्रक चालक के साथ-साथ घायल पुलिस आरक्षक की रिपोर्ट पर विधायक पुत्र रितिक नायक सहित छह आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। मामले में सभी छह आरोपी रितिक नायक, सुयश राय, उपेन्द्र डडसेना, तरुण पटेल, राज पटेल और समीर पटेल ने सरेंडर किया है।

Chhattisgarh News : सरकारी अस्पतालों में ब्रांडेड दवाइयां लिखने पर होगी कड़ी कार्रवाई : सीएम बघेल

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Chhattisgarh ki taza khabar: रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों में जेनेरिक दवाइयों की बजाय ब्रांडेड दवाई लिखने पर सीएम भूपेश बघेल ने कड़ी नाराजगी जताई है। सीएम बघेल रविवार को अपने निवास कार्यालय में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग तथा पर्यावरण एवं आवास विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान बोल रहे थे। सीएम ने बैठक में धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना की समीक्षा के दौरान कहा कि जो सरकारी डॉक्टर ब्रांडेड दवाइयां लिखते हैं उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए। सीएम के निर्देश के बाद प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने तत्काल सभी कलेक्टरों और सीएमएचओ को भी निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करें की डॉक्टर सिर्फ जेनेरिक दवाईयां ही लिखे। मुख्यमंत्री को यह जानकारी मिली थी कि बार-बार हिदायत के बावजूद डॉक्टर जेनेरिक की बजाय ब्रांडेड दवाईयां लिख रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि लोगों को सस्ती दवाईयां मिलें, इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर शुरू किए हैं। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में इस योजना के तहत 159 मेडिकल स्टोर संचालित हैं। इन मेडिकल स्टोर्स के माध्यम से अब तक विक्रय की गई दवाईयों से लगभग 17 लाख 92 हजार नागरिकों के 17 करोड़ 38 लाख रूपए की बचत हुई है। बैठक में बताया गया कि प्रदेश की 9 नगर निगमों में 500 वर्ग मीटर तक के आवासीय प्लॉटस पर निर्माण के लिए ऑनलाइन भवन अनुज्ञा प्रणाली लागू की गई है, जिसके माध्यम से अब तक 3771 भवन अनुज्ञा जारी की गई है। बैठक में मुख्यमंत्री ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत नगरीय निकायों द्वारा नागरिकों को दी जाने वाली अधिक से अधिक सेवाओं को ऑनलाइन करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ले-आउट पास करने का अधिकार अब नगर निगम को सौंपा जाएगा। अब तक टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग द्वारा ले-आउट पास किया जाता था।

सवा तीन साल में छत्तीसगढ़ को मिली नई पहचान : सीएम भूपेश बघेल

नगरीय निकायों की संपत्तियों को फ्री-होल्ड करने के निर्देश

नागरिकों को किसी भी काम के लिए दो कार्यालयों के चक्कर नही लगाने पड़ेंगे। मुख्यमंत्री ने नगरीय निकायों की सम्पत्तियों को फ्री-होल्ड करने के भी निर्देश दिए। अब तक नगरीय निकायों की सम्पत्ति लीज पर दी जाती है। इस निर्णय से लाखों नागरिक लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान आम नागरिकों की सहूलियत और प्रशासनिक काम-काज के सुचारू संचालन की दृष्टि से अनेक महत्वपूर्ण निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार अब नगरीय निकाय के मुख्य नगर पालिका अधिकारी राजपत्रित अधिकारी घोषित किए जाएंगे। बैठक में नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया ने मुख्यमंत्री से मुख्य नगरपालिका अधिकारी को राजपत्रित अधिकारी घोषित करने की मांग की थी, जिस पर मुख्यमंत्री ने सहमति प्रदान कर दी है। बैठक में रायपुर विकास प्राधिकरण के सीईओ ने बताया कि रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के 2544 आवास पूर्ण हो चुके हैं। इन्द्रप्रस्थ योजना फेस-2 में 2416 ईडब्ल्यूएस एवं एलआईजी प्लेट्स का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है।

सीएम बघेल की एक और घोषणा, कचना धुरवा गोंडवाना समाज भवन के लिए दिए 1 करोड़ 7 लाख रुपये

796 संपत्तियों मूल्य रुपये 227.40 करोड़ का किया गया ऑनलाइन

कमल विहार योजना सेक्टर-4 में 128 ईडब्ल्यूएस प्लेट्स का निर्माण हो गया है। उक्त प्लेट्स के लिए एप्रोच रोड का निर्माण 30 अप्रैल 2022 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के आयुक्त ने बताया कि मंडल द्वारा प्रक्रियाओं का सरलीकरण करते हुए ऑनलाईन पंजीयन, भुगतान एवं आबंटन प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। भवनों की किश्त, रख-रखाव शुल्क, जलकर आदि की राशि, एमआर बुक के स्थान पर पीओएस मशीन के माध्यम से प्राप्त की जा रही है। वर्तमान में मंडल की 44 परियोजनाओं में संपत्तियों का विक्रय ऑनलाइन वेबसाईट/एप के माध्यम से किया जा रहा है। कुल 796 संपत्तियों मूल्य रुपये 227.40 करोड़ का विक्रय ऑनलाइन माध्यम से किया गया है। बैठक में नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की सचिव अलरमेलमंगई डी., आयुक्त, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल डॉ अयाज भाई तम्बोली, टाउन एन्ड कंट्री प्लानिंग के संचालक जय प्रकाश मौर्य, सूडा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सौमिल रंजन चौबे सहित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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सवा तीन साल में छत्तीसगढ़ को मिली नई पहचान : सीएम भूपेश बघेल

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि हमारे पुरखों ने जिस छत्तीसगढ़ का सपना देखा था, पिछले सवा तीन साल के दौरान हमने उन्हीं सपनों को साकार करने की दिशा में काम किया है। सीएम बघेल ने कहा कि हम सब ने छत्तीसगढ़ महतारी का मान बढ़ाने और छत्तीसगढ़ को नई पहचान दिलाने का संकल्प लिया था और मात्र सवा तीन साल में ही हम छत्तीसगढ़ को नई पहचान दिलाने में कामयाब हुए हैं। सवा तीन साल पहले तक छत्तीसगढ़ को खदानों या फिर नक्सल उपद्रव के नाम पर जाना जाता था, आज छत्तीसगढ़ की चर्चा उसके गांवों की समृद्धि को लेकर होती है।

सीएम बघेल आज रायपुर जिले के ग्राम टीला में आयोजित छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज चंदखुरी राज के 76वें महाअधिवेशन को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए अनेक सौगातें दी। मुख्यमंत्री ने मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के सामाजिक भवन के लिए 20 लाख रुपये की मंजूरी दी। उन्होंने टीला-हथखोज सड़क पर महानदी में उच्च स्तरीय पुल निर्माण की घोषणा करते हुए कहा कि इसके लिए प्राक्कलन तैयार कर इसे अगले बजट में शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि चंपारण को रामवन गमन पथ सर्किट में शामिल किया जायेगा। चंपारण के विकास के लिए योजना बनाई जाएगी। कौशल्या माता के जन्म की सही तिथि का पता लगाकर आने वाले समय में कौशल्या माता जन्म उत्सव मनाया जाएगा।

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इस सामाजिक अधिवेशन में मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के केंद्रीय अध्यक्ष श्री चोवा राम वर्मा, विधायक अभनपुर श्री धनेंद्र साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष रायपुर श्रीमती डोमेश्वरी वर्मा, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री विनोद वर्मा सहित बड़ी संख्या में मनवा कुर्मी समाज के लोग मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने अधिवेशन में सबसे पहले छत्रपति शिवाजी महाराज, सरदार वल्लभ भाई पटेल, स्वामी आत्मानंद महाराज, डॉ. खूबचंद बघेल सहित स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया।

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मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज का संगठन अब और ज्यादा हो रहा मजबूत

मुख्यमंत्री बघेल ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज का संगठन अब और ज्यादा मजबूत हो रहा है। सभी के प्रयास से सामाजिक जागरूकता बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि खेती किसानी, पढ़ाई-लिखाई, डॉक्टरी-इंजीनियरिंग से लेकर व्यापार या राजनीति हर क्षेत्र में समाज के लोगों ने बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी निभायी है, और अब छत्तीसगढ़ निर्माण से लेकर नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने तक छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के लोग अग्रिम पंक्ति में सक्रिय होकर माटी की सेवा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों और गांवों को मजबूती देने के लिए सरकार ने जो योजनाएं बनाई हैं, आज पूरे देश में उसकी चर्चा हो रही है। सरकार ने किसानों और आदिवासियों की आय बढ़ाने के लिए गांव-गांव में फूड प्रोसेसिंग का काम शुरू किया है। सुराजी गांव योजना में 10 हजार 500 गौठान निर्माण की स्वीकृति हो चुकी हैं। इनमें से 8500 से ज्यादा गौठानों का निर्माण पूरा भी हो चुका है। जिसमें से साढ़े 6 हजार गौठान सक्रिय हैं।

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गौधन न्याय योजना बनेगी गांव की अर्थव्यवस्था का केंद्र बिंदु

सीएम बघेल ने कहा कि गोधन न्याय योजना की शुरुआत दो रुपए किलो में गोबर खरीदकर जैविक खाद बनाने से हुई थी, लेकिन अब बिजली उत्पादन, प्राकृतिक पेंट के निर्माण से लेकर गो-काष्ठ बनाने तक का काम इसी योजना में हो रहा है। गोधन न्याय योजना का लाभ 2 लाख से ज्यादा लोग उठा रहे हैं, इनमें लगभग आधी संख्या माताओं और बहनों की है। इस योजना से महिला सशक्तीकरण का लक्ष्य भी हासिल कर रहे हैं। तेल मिल, दाल मिल, राइस मिल की स्थापना का कार्य भी इसी योजना में किया जा रहा है। गोधन की सेवा और संरक्षण के साथ-साथ कृषि लागत में कमी लाने, पर्यावरण को बेहतर बनाने, किसानों की आय में बढ़ोतरी करने के साथ इस योजना से लाखों लोगों को रोजगार भी मिला है।

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हिंदी माध्यम के 32 नए आत्मानंद स्कूल भी खुलेंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना के अंतर्गत 172 स्कूल स्थापित करने के बाद अब हिंदी माध्यम के 32 स्वामी आत्मानंद विद्यालय आरंभ करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि हाल ही में स्वामी आत्मानंद स्कूलों की प्रत्येक कक्षा में प्रवेश संख्या 40 से बढ़ाकर 50 करने की घोषणा की है। इससे अब और भी बड़ी संख्या में छात्रों को इस योजना का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते तीन साल हमने छत्तीसगढ़ में विकास की नींव स्थापित करने का काम किया है। अब उस नींव पर इमारत आकार लेने लगी है। आने वाले समय में हम अपने सपनों के अनुरूप गौरवशाली छत्तीसगढ़ का निर्माण करेंगे।

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रायपुर। छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल पिछले एक महीने के अंदर कई बड़ी घोषणाएं की हैं। रविवार को गरियाबंद जिला अंतर्गत छुरा विकासखंड के ग्राम बोडराबांधा में अखिल भारतीय गौड् समाज महा अधिवेशन में पहुंच सीएम बघेल ने एक और घोषणा की है। सीएम बघेल ने कचना धुरवा गोंडवाना समाज भवन के लिए एक करोड़ सात लाख रुपये देने का ऐलान किया है। सीएम बघेल यहां मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे थे। मुख्यमंत्री ने इस पर आदिवासी समाज के देवी देवताओं की पूजा अर्चना कर समाज की खुशहाली की कामना की। महाधिवेशन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आदिवासी समाज के विकास और उनके हितों के सरंक्षण के लिए संकल्पित है। राज्य के 32 प्रतिशत आदिवासी समाज के लिये कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने लघु वनोपज का दायरा 7 से बढ़ाकर 65 प्रकार कर दिया है। अब कोदो कुटकी रागी का समर्थन मूल्य भी बढ़ा दिया गया है। समर्थन मूल्य से कम में महुआ या कोई भी लघु वनोपज नहीं बेचना है। उन्होंने कहा कि जिले में तीन स्थानों पर फूड पार्क स्थापित किया जा रहा है।इससे वैल्यू एडिशन में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि 1 मई को भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत भूमिहीन मजदूरों को 7 हजार रुपये दी जाएगी।

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21 हजार आदिवासियों को दिया गया वन अधिकार पत्र

गोधन न्याय योजना से अब पेंट और बिजली बनाने का कार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जिले में 21 हजार आदिवासियों को वन अधिकार पत्र दिया गया है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य लोगों के जेव में पैसा आये और वे समृद्ध बने। उन्होंने कहा कि सरकार पेशा कानून लागू करने के लिए ड्राफ्ट का अध्ययन कर रही है। इस कानून के लागू होने से गैर आदिवासी समाज को चिंता करने की आवश्यकता नही है। उन्होंने समाज की मांग पर कचना धुर्वा गोंडवाना समाज भवन के लिए एक करोड़ सात लाख ₹7 हजार देने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री ने स्थानीय स्तर के समस्याओं के लिए कलेक्टर को निर्देशित किया है। वहीं राज्य स्तर के समस्याओं के लिए उसे राज्य शासन को भेजने के निर्देश दिए हैं ।जिम विधायक अमितेष शुक्ल ने कहा कि किसी भी क्षेत्र के लिए विकास आवश्यक है। सड़क,बिजली और सिंचाई के विकास से हर समाज का विकास सुनिश्चित होता है। इसी धयेय को लेकर मुख्यमंत्री विकास को गति दे रहे हैं।उन्होंने अमात गोंड समाज भवन के लिए 10 लाख रुपये देने की घोषणा की। केंद्रीय समिति बिंद्रानवागढ़ अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम में आदिम जाति कल्याण मंत्री प्रेमसाय टेकाम, कांकेर विधायक एवं आदिवासी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिशुपाल सोरी, संसदीय सचिव इन्द्रशाह मंडावी, अंतागढ़ विधायक अनूप नाग, राजिम विधायक अमितेष शुक्ल, पूर्व विधायक ओंकार शाह एवं समाज के प्रमुख पदाधिकारी एवं बडी संख्या में समाज के प्रतिनिधि मौजूद थे।

बजट से पहले जनता से बोले सीएम बघेल, नए छत्तीसगढ़ के विकास की दिशा तय करने वाला होगा नया बजट

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रायपुर। छत्तीसगढ़ की खुशहाली में जनभागीदारी की सर्वाधिक भूमिका और प्रदेश की समृद्धि में प्रत्येक छत्तीसगढ़वासी की भागीदारी रहे, यह हम सुनिश्चित करेंगे। हमारी सरकार जनहित और राज्य के विकास के लिए चट्टान की तरह मजबूती से काम कर रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को रेडियो पर प्रसारित अपनी मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 28वीं कड़ी में प्रदेशवासियों को सम्बोधित करते हुए रविवार को यह बात कही। उन्होंने कहा हमारा नया बजट, नए छत्तीसगढ़ के विकास की दिशा तय करने वाला है। कोरोना संकट, जीएसटी और केन्द्रीय करों के हिस्से में कमी के बावजूद राजस्व आधिक्य का बजट प्रस्तुत किया गया है। छत्तीसगढ़ का ऋण भार और वित्तीय घाटा लगातार कम हो रहा है तथा पूंजीगत व्यय लगातार बढ़ रहा है। आज प्रसारित लोकवाणी -‘नवा छत्तीसगढ़, नवा बजट’ विषय पर केन्द्रित रही। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद अब तक का सबसे बड़ा बजट राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया है। राज्य के बजट का आकार एक लाख 12 हजार 603 करोड़ 40 लाख रूपए है।

मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में श्रोताओं की जिज्ञासाओं का सिलसिलेवार जवाब देते हुए छत्तीसगढ़ की मजबूत आर्थिक स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर छत्तीसगढ़ का बजट 1 लाख करोड़ के ऊपर पहुंचना, प्रत्येक छत्तीसगढ़वासी के लिए गौरव का विषय है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के राज्य सरकार के बजट में हमने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या के अनुपात में बजट प्रावधान किया है, वहीं सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र को भी बराबर तवज्जो दी है। कृषि क्षेत्र को लेकर हमारी प्राथमिकता बहुत ही मुखर है। वर्ष 2022-23 में कृषि बजट के लिए 20 हजार 405 करोड़ रुपए की राशि रखी है। हम अपने संसाधनों के सम्मान, वेल्यू-एडीशन, अपनी मेहनतकश जनता की लगन और मेहनत को सही मान और राज्य के उत्पादन को सही दाम दिलाते हुए आगे बढ़ेंगे। हमारी इसी रणनीति के कारण छत्तीसगढ़ की आर्थिक स्थिति को सहारा मिला।

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मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को विभिन्न पर्वों की दी बधाई

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोकवाणी की शुरूआत छत्तीसगढ़ी भाषा में की। उन्होंनें कहा जम्मो सियान-जवान, दाई-दीदी, नोनी-बाबू मन ल जय जोहार। जय सियाराम। आप सब ल रामनवमी, डॉ. अम्बेडकर जयंती, महावीर जयंती, बैसाखी, हाटकेश्वर जयंती, श्रीमद् वल्लभाचार्य जयंती, ईद-उल-फितर के गाड़ा-गाड़ा बधाई। हमर छत्तीसगढ़ के प्राचीन नाम दक्षिण कोसल रिहिस। हमर छत्तीसगढ़ म भगवान राम ल भांचा माने जाथे। ते पायके हमन, छत्तीसगढ़ म माता कौशल्या, भगवान राम, सीता माता, लवकुश के चिन्हारी के सुरता हमेशा-हमेशा के लिए मजबूत करे बर, राम वन गमन पथ विकसित करत हन। कोरिया ले सुकमा जिला तक 2 हजार 660 किलोमीटर म राम वन गमन के चिन्हारी ल संजाए जाथे। प्रथम चरण म 9 जगह म विकास के बूता करे जाथे। ओमा दू जगह लोकार्पण करे गे हे। चंदखुरी अउ शिवरीनारायण म विकास कार्य के लोकार्पण बताथे के हमन मर्यादा पुरुषोत्तम राम के रद्दा म चलत हन। ‘‘प्राण जाए पर वचन न जाए’’ हमर सिद्धांत हे। जनता ल दिए वचन निभाए के खातिर हमर नेता मन घलो बलिदान दे हे। हर कीमत म हमन वादा पूरा करबो, ऐला जनता मन जानथे अउ मानथे।

लोकवाणी में रायपुर जिले के मलदा गांव के श्री उमाकांत वर्मा, छत्तीसगढ़ को 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक का बजट प्रस्तुत करने पर मुख्यमंत्री को बधाई दी। रायपुर के श्री राजेश वासवानी ने राजस्व आधिक्य का बजट पेश करने और कोरोना की चुनौती के बावजूद बजट में कोई भी नया कर व्यापारियों के ऊपर नहीं लगाने के लिए बधाई दी। मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में कहा कि एक जमाना था जब दिल्ली की यूपीए सरकार द्वारा प्रदेश को केन्द्र से अधिक राशि दी जाती थी, लेकिन तब भी हमारे प्रदेश में आधिक्य का बजट नहीं बना था। अब की स्थिति में तो हमारे बजट में राज्य और केन्द्र की राशि लगभग बराबर है। इसके अलावा जीएसटी से संबंधित समस्या और भी अधिक गहरा रही है। इसके बावजूद हमने अपने राज्य की कुशलता के आधार पर आधिक्य का बजट बनाया है। हमारी सरकार ने आर्थिक मोर्चे पर छत्तीसगढ़ को जिस मुकाम पर पहुंचाया है, उस पर पूरे प्रदेशवासियों का सिर, सम्मान और गौरव से ऊंचा हुआ है।

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बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिए 37 प्रतिशत का प्रावधान

लोकवाणी में कबीरधाम जिले के रणवीरपुर की आम्रपाली सहारे के बजट की प्राथमिकता के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश में अनुसूचित जनजाति तथा अनुसूचित जाति की आबादी लगभग 45 प्रतिशत है। हमारे बजट के कुल प्रावधान में 33 प्रतिशत राशि अनुसूचित जनजाति के लिए और 12 प्रतिशत राशि अनुसूचित जाति के लिए है। सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में देखें तो हमने 40 प्रतिशत प्रावधान आर्थिक क्षेत्र के लिए रखा है तो इसके करीब ही 37 प्रतिशत का प्रावधान सामाजिक क्षेत्र के लिए भी किया है।

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3 साल में केन्द्र सरकार से केन्द्रीय करों में राज्य के हिस्से की राशि में 13 हजार 89 करोड़ की कमी

राजनांदगांव मोहला के संजय जैन ने राज्य की ऋण स्थिति के संबंध में पूछा। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सवाल जवाब देते हुए कहा कि 17 दिसम्बर 2018 की स्थिति में हमें 41 हजार 695 करोड़ का ऋण भार विरासत में मिला था। हमारी सरकार बनने के बाद शुद्ध ऋण में वृद्धि 42 हजार 528 करोड़ है। इसके पीछे एक बड़ा कारण है कि भारत सरकार से जीएसटी क्षतिपूर्ति नहीं मिलने के कारण हमें जीएसटी ऋण लेने के लिए कहा गया, अगर हमें जीएसटी की राशि मिल जाती तो ऋण नहीं लेना पड़ता। इसमें वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में भारत सरकार से प्राप्त जीएसटी ऋण 8 हजार 74 करोड़ तथा विशेष केन्द्रीय सहायता ऋण 568 करोड़ सहित कुल 8 हजार 642 करोड़ शामिल है। इसे कम करने पर सरकार द्वारा लिया गया शुद्ध ऋण केवल 33 हजार 886 करोड़ है। विगत 3 वर्षों में केन्द्र सरकार से केन्द्रीय करों में राज्य के हिस्से की राशि में 13 हजार 89 करोड़ की कमी तथा कोविड-19 आपदा के कारण राज्य के राजस्व में अपेक्षित वृद्धि नहीं भी एक बड़ा कारण है, जिससे हमें यह ऋण लेना पड़ा। हमने वर्ष 2021-22 में 8 हजार 71 करोड़ का शुद्ध ऋण लिया। वर्ष 2022-23 के बजट में इसे और भी कम करते हुए शुद्ध ऋण 7 हजार 100 करोड़ किया गया है। इस प्रकार ऋण लेना लगातार कम किया जा रहा है। हमने जो भी ऋण लिया है, उसका लाभ किसानों तथा जरूरतमंद परिवारों को मिल रहा है और लौटकर अर्थव्यस्था में आ रहा है। इस तरह से हमने एक ओर जहां धीरे-धीरे ऋण भार को कम करने में सफलता पाई है, वहीं दूसरी ओर जनहित के कार्यों को थमने नहीं दिया है।

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राज्य सरकार किसी भी हालत में अपने वायदे से पीछे हटने वाली नहीं

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धमतरी जिले के ग्राम-जी जामगांव, श्री शुभम दास बघेल ने जानना चाहा कि ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ नए वित्तीय वर्ष में भी चालू रहेगी या नहीं? कोण्डागांव जिले के ग्राम बरगई श्री महेश कुमार बघेल ने नए बजट में वन अंचल और ग्रामीण अंचल के विकास के लिए किए गए प्रावधानों के संबंध में जानना चाहा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ के लिए हमने इस बार भी 6 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है। इसका मतलब यह है कि योजना चालू रहेगी। विगत दो वर्षों में इस योजना के माध्यम से 11 हजार 180 करोड़ रुपए की राशि दी गई है।

समाज के हर वर्ग के आर्थिक स्वावलंबन का प्रयास

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम एक जनकल्याणकारी सरकार हैं। मेरा यह मानना है कि समाज के हर वर्ग को आर्थिक स्वावलंबन की ओर बढ़ाना हमारा कर्त्तव्य है। मैंने बजट में यह घोषणा की है कि पीएससी तथा व्यापम अब अपने परीक्षार्थियों से परीक्षा शुल्क नहीं लेगा। बजट के बाद भी एक नई घोषणा करते हुए हमने विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से होने वाली परीक्षाओं में भी परीक्षा शुल्क माफ कर दिया है। इस तरह हम युवाओं की मदद के लिए एक कदम और आगे बढ़े हैं। आदिवासी अंचलों में देवस्थलों पर पूजा करने वाले, मांझी, बैगा, गुनिया, पुजारी से लेकर हाट पाहर्या, बाजा मोहरिया आदि लोगों को ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ से जोड़ने की घोषणा की गई है। इस योजना के सभी पात्र हितग्राहियों को मिलने वाली वार्षिक सहायता राशि 6 हजार से बढ़ाकर 7 हजार रुपए कर दी गई है। कुंभकार परिवारों को विद्युत चाक का वितरण किया जाएगा। शासकीय अधिवक्ताओं के मानदेय में वृद्धि का प्रावधान किया गया है।

विधायकों से लेकर त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं के लिए क्रांतिकारी प्रावधान

विधायक निधि की राशि 2 करोड़ से बढ़ाकर 4 करोड़ की गई है। जिला पंचायत अध्यक्षों का मानदेय 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार, जिला पंचायत उपाध्यक्षों का मानदेय 10 हजार से बढ़ाकर 15 हजार एवं जिला पंचायत सदस्यों का मानदेय 6 हजार से बढ़ाकर 10 हजार प्रतिमाह किया गया है। जनपद पंचायत अध्यक्षों का मानदेय 6 हजार से बढ़ाकर 10 हजार, जनपद पंचायत उपाध्यक्षों का मानदेय 4 हजार से बढ़ाकर 6 हजार एवं जनपद पंचायत सदस्यों का मानदेय 1 हजार 500 से बढ़ाकर 5 हजार प्रतिमाह किया गया है। सरपंचों का भत्ता 2 हजार से बढ़ाकर 4 हजार एवं पंचों का भत्ता 200 से बढ़ाकर 500 रुपए प्रतिमाह किया गया है। विकास निधि में जिला पंचायत अध्यक्षों को 15 लाख, उपाध्यक्षों हेतु 10 लाख एवं सदस्यों हेतु 4 लाख रुपए प्रतिवर्ष के मान से देने का प्रावधान किया गया है। जनपद पंचायत अध्यक्षों को 5 लाख, उपाध्यक्षों को 3 लाख एवं सदस्यों को 2 लाख रुपए प्रतिवर्ष के मान से विकाास निधि के रूप में देने का भी प्रावधान किया गया है। इसी तरह महापौर, सभापति, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और पार्षदों का मानदेय दोगुना करने के साथ विकास निधि को डेढ़ गुना बढ़ाया जाएगा। इस तरह हमने विधायकों से लेकर त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं को अपनी जिम्मेदारियां बेहतर ढंग से निभाने के लिए बड़े क्रांतिकारी प्रावधान किए हैं। जनप्रतिनिधियों को सक्षम बनाने पर वे अधिक कुशलता और लगन से काम करेंगे। इतना ही नहीं, ग्राम पंचायतों को और सशक्त बनाने के लिए अधिसूचित क्षेत्रों में रेत खदानों का संचालन पंचायतों द्वारा किए जाने का प्रावधान भी किया गया है।

नए जिलों में 1100 पदों की स्वीकृति

मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां तक नौकरी का सवाल है, नए जिलों के लिए 1 हजार 100 पद, नई तहसीलों और अनुविभागों के लिए 161 पद, नई पुलिस चौकियों तथा थानों के लिए 350 पद, बिलासपुर तथा जगदलपुर एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए 114 पद स्वीकृत किए गए हैं। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 2 वर्षों में 2 हजार 409 पदों पर भर्ती की जा चुकी है और 195 नए पद सृजित किए गए हैं। जरूरत अनुसार इसे बढ़ाया भी जाएगा। इसके अतिरिक्त बस्तर संभाग में सहायक आरक्षकों को वेतन भत्ते, पदोन्नति आदि का लाभ देने के लिए डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक्ट फोर्स नामक नवीन कैडर के गठन से युवाओं को लाभ होगा।

मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के लिए 150 करोड़ का बजट प्रावधान

मुंगेली जिले की भारती ताम्रकार ने अधोसंरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्रों में बजट प्रावधान जानने चाहे। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस संबंध में कहा कि जनता की मांग को देखते हुए हमने मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के लिए 150 करोड़ का बजट प्रावधान किया है। ताकि स्कूल, अस्पताल, आंगनवाड़ी जैसे सरकारी भवनों को पक्की सड़कों से जोड़ा जा सके। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना तथा लोक निर्माण विभाग की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से करोड़ों रुपए लागत की सड़कें बनाई जाएंगी। नक्सल प्रभावित अंचलों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। दूरस्थ आदिवासी अंचल जगरगुंडा, जिला सुकमा सहित 3 स्थानों पर 90 बिस्तर के अस्पतालों की स्थापना की जाएगी। अम्बिकापुर, कांकेर तथा रायपुर के मेडिकल कॉलेजों में सुविधाओं के उन्नयन हेतु प्रावधान किए गए हैं। इसी तरह शिक्षा के क्षेत्र में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय खोलने के अलावा 80 से अधिक शालाओं का दर्जा बढ़ाया जाएगा। 100 से अधिक शालाओं में सुविधाओं का उन्नयन किया जाएगा।

मुंगेली में शासकीय कन्या महाविद्यालय की स्थापना के लिए बजट प्रावधान

मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा के लिए जगदलपुर जिला बस्तर, बासीन जिला बालोद, माकड़ी जिला कोण्डागांव में शासकीय महाविद्यालय एवं मुंगेली में शासकीय कन्या महाविद्यालय की स्थापना के लिए बजट प्रावधान है। शासकीय महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर नवीन संकाय तथा 23 शासकीय महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर पर नवीन संकाय खोलने हेतु बजट प्रावधान है। भवन विहीन 18 सरकारी कॉलेजों के लिए नवीन भवन का निर्माण तथा 22 कॉलेजों में अतिरिक्त कमरों का निर्माण तथा शासकीय महाविद्यालय सीतापुर, जिला सरगुजा में ऑडिटोरियम का निर्माण किया जाएगा। शासकीय महाविद्यालय पखांजूर में कन्या एवं बालक छात्रावास की स्थापना एवं भवन निर्माण के लिए 2 करोड़ 30 लाख का प्रावधान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा नया बजट, नए छत्तीसगढ़ के विकास की दिशा तय करने वाला है।